कांग्रेस काफिले में घुसी तेज रफ्तार कार, PM मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सांसद गौरव गोगोई बाल-बाल बचे

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 03, 2023, 04:42 PM IST

Gaurav Gogoi के काफिले की गाड़ियों से टकराई तेज रफ्तार नीली कार.

Assam News: गौरव गोगोई के काफिले का एक्सीडेंट उस समय हुआ, जब वे पार्टी के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कछार जिले में पहुंचे थे. गौरव गोगोई को कोई चोट नहीं आई है, लेकिन कई अन्य नेता घायल हुए हैं.

डीएनए हिंदी: Who is Gaurav Gogoi- असम के कछार जिले में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई मंगलवार दोपहर में एक एक्सीडेंट में बाल-बाल बच गए. गोगोई अन्य कांग्रेसी नेताओं के साथ कार में सवार होकर कछार जिले के हेडक्वार्टर सिलचर में पार्टी के एक कार्यक्रम में जा रहे थे. अधिकारियों के मुताबिक, एक तेज रफ्तार कार अचानक काफिले में जा घुसी और सीधे कई वाहनों से टकरा गई. इस हादसे में एक महिला समेत कई कांग्रेसी नेताओं को चोट आई है, लेकिन गौरव गोगोई पूरी तरह सुरक्षित हैं.

टक्कर से ठीक पहले आगे निकली थी गौरव की कार

IANS के मुताबिक, सिलचर जाने वाली एयरपोर्ट रोड पर उदरबैंड के पास एक बेहद तेज रफ्तार कार अचानक सीधे सड़क की उसी लेन में काफिले के सामने आ गई, जिससे काफिला गुजर रहा था. कार एक महिला चला रही थी, जो अचानक कांग्रेस का काफिला सामने देखकर वाहन पर कंट्रोल नहीं रख सकी. महिला की कार सीधे कांग्रेस नेताओं की कारों से टकरा गई. हालांकि इस एक्सीडेंट से ठीक पहले गौरव गोगोई की कार उस जगह से थोड़ा आगे निकल गई थी, इसलिए उन्हें कोई चोट नहीं आई है. 

कार ड्राइवर महिला समेत 7 घायल

अधिकारियों के मुताबिक, हादसे में एक पूर्व मंत्री अजीत सिंह समेत 7 कांग्रेस नेताओं को चोट आई हैं. हादसे का कारण बनी कार चला रही महिला भी घायल है. हालांकि अधिकतर लोगों को मामूली चोट ही आई है. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है.

गौरव गोगोई लाए थे पीएम मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

गौरव गोगोई असम के पूर्व दिवंगत मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के पुत्र हैं. 40 साल के गौरव लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के उपनेता सदन हैं और असम की कलियाबोर लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं. उन्हें पूर्वोत्तर भारत के प्रभावशाली नेताओं में गिना जाता है. गौरव गोगोई को ज्यादा चर्चा डेढ़ महीना पहले संसद के मानसून सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए मिली थी. यह अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर पेश किया गया था, जिसका मकसद पीएम मोदी को लोकसभा के अंदर इस मुद्दे पर बोलने के लिए मजबूर करना था. हालांकि यह अविश्वास प्रस्ताव भाजपा के पास मौजूद भारी बहुमत के कारण एकतरफा तरीके से गिर गया था.

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