डीएनए हिंदी: कोविड-19 से बचाव के लिए शुरू की गई प्रीकॉशन डोज (Precaution Dose) को लेकर जो भी संशय हैं, उन्हें अब केंद्र सरकार ने दूर कर दिया है. शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विकास शील ने इस बारे में निर्देश जारी किए.
कोविड से ठीक होने के 3 महीने बाद प्रीकॉशन डोज
उन्होंने पत्र में लिखा, ' प्रीकॉशन डोज के इस्तेमाल को लेकर हमसे कई जगहों से सवाल पूछे जा रहे थे. अब आप सभी नोट कर लें कि किसी भी व्यक्ति को जिसकी लैब टेस्ट में SARS-2 COVID-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उसे प्रीकॉशन डोज समेत कोई भी कोविड संबंधी वैक्सीनेशन बीमारी से ठीक होने के 3 महीने बाद ही दी जाएगी.' विकास शील ने साथ ही ये भी लिखा, 'मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया संबंधित अधिकारियों को इस पर संज्ञान लेने का निर्देश दें. केंद्र की ओर से यह सुझाव वैज्ञानिक साक्ष्य और टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (National Technical Advisory Group on Immunisatio) की सिफारिश पर आधारित है.
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10 जनवरी से हुई थी प्रीकॉशन डोज की शुरुआत
15 से 18 साल के बच्चों के लिए कोविड वैक्सीनेशन की शुरुआत 3 जनवरी से कर दी गई है. साथ ही हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों को प्रीकॉशन डोज देने की शुरुआत भी 10 जनवरी से हो गई है. प्रीकॉशन डोज दूसरी डोज लगने के नौ महीने बाद ही दी जाएगी.
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