Covid: Home Isolation के मामले बढ़ते देख केंद्र ने राज्यों को दिए यह निर्देश 

| Updated: Jan 25, 2022, 07:03 PM IST

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Home Isolation: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को नौ राज्यों के साथ कोरोना को लेकर बैठक की.

डीएनए हिंदी: देश में हर दिन बड़ी तादाद में कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं. नए मामले सामने आने के साथ ही Home Isolate लोगों की संख्या में भी इजाफा होता जा रहा है. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने होम आइसोलेट मरीजों के लिए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से समय पर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए टेली-परामर्श सेवाओं का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, उन्होंने नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, लद्दाख और उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रियों, वरिष्ठ नौकरशाहों और प्रशासकों के साथ बातचीत की.

इसमें कहा गया कि मांडविया ने उनसे ‘हब और स्पोक मॉडल’ अपनाने और अतिरिक्त टेली-परामर्श केंद्र खोलने का आग्रह किया. यह लाभार्थियों को जिला केंद्रों पर तैनात विशेषज्ञों से सलाह लेने में सक्षम करेगा. उन्होंने कहा कि सरकार की ई-संजीवनी टेली-परामर्श प्रणाली ने 2.6 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को सेवाएं प्रदान की हैं, जहां लोग अपने घरों में रहकर चिकित्सा सलाह ले सकते हैं.

उन्होंने उल्लेख किया, "यह बाजी पलटने वाला साबित होगा और दुर्गम और दूर-दराज के क्षेत्रों के लिए और विशेष रूप से वर्तमान सर्दियों के मौसम में उत्तरी क्षेत्रों में अत्यधिक अहमियत वाला होगा."

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आधिकारिक विज्ञप्ति में मांडविया के हवाले से कहा गया, "राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ये केंद्र चौबीस घंटे काम करें और आम जनता और स्वास्थ्य विशेषज्ञों दोनों के लिए सुविधा सुनिश्चित करें. न्यूनतम परेशानी और यात्रा सुनिश्चित करने के लिए, इस तरह की विशेषज्ञ सलाह ब्लॉक स्तर, माध्यमिक या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर भी प्रदान की जा सकती है."

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बयान के मुताबिक, उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुरूप घर पर पृथकवास करने वालों की प्रभावी रूप से निगरानी की जाए. इससे सुनिश्चित होगा कि घर पर पृथकवास में उपचाराधीन कमजोर श्रेणी के मरीजों को समय पर आवश्यक चिकित्सा सहायता मिले. (Input- भाषा)