डीएनए हिंदी: Coronavirus News- देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की चौथी लहर का असर तेजी से बढ़ता जा रहा है. डेली कोविड-19 केस का आंकड़ा बुधवार सुबह करीब 163 दिन बाद पहली बार 4 हजार के पार पहुंच गया है. देश में पिछले 24 घंटे के दौरान 4,435 नए कोरोना मरीज दर्ज किए गए हैं. साथ ही डेली एक्टिव केस यानी इलाज करा रहे कोरोना मरीजों की संख्या भी 23,091 हो गई है. कोरोना के डेली केस और एक्टिव केस का आंकड़ा पिछले 8 दिन के दौरान ही 200% तक बढ़ चुका है. ऐसे में फिर से हालात खतरनाक होते दिख रहे हैं. हालात की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक बड़ी पहल की है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने वकीलों को वर्चुअल तरीके से यानी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जिरह करने की अनुमति दे दी है.
क्यों बढ़ रही है कोरोना के आंकड़ों से चिंता
देश में आखिरी बार 20 मार्च को 1,000 से कम डेली केस दर्ज किए गए थे. इसके बाद से रोजाना मिलने वाले कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हालांकि 27 मार्च तक यह संख्या रोजाना 2,000 केस से कम थी. 28 मार्च को 2,151 नए मरीज दर्ज किए गए थे. इसके बाद महज 31 मार्च को छोड़कर रोजाना डेली मरीजों की संख्या 3,000 से ज्यादा रही है. महज 8 दिन बाद यानी बुधवार को यह आंकड़ा 2,151 से 200% उछलकर 4,435 पर पहुंच गई है.
इसी तरह देश में 28 मार्च को 11,903 डेली एक्टिव केस दर्ज किए गए थे यानी इतने कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा था. यह आंकड़ा भी 8 दिन में 200% उछाल के साथ ही बुधवार को 23,091 पर पहुंच गया है.
चार दिन में 200% बढ़ी मौत की भी रफ्तार
देश में बुधवार को कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या 15 रही. यह 5 मार्च को शून्य मौत दर्ज होने के बाद एक महीने के दौरान एक दिन में सबसे ज्यादा मौत हैं. इससे पहले 29 मार्च को 14 लोगों की मौत कोरोना की जटिलताओं के चलते हुई थी. देश में 1 अप्रैल से 4 अप्रैल तक चार दिन में 40 लोगों की मौत हुई है यानी कोरोना से होने वाली मौत भी 200% बढ़ गई हैं.
यह कहा है सीजेआई ने अपने फैसले में
कोरोना के इन खतरनाक आंकड़ों को देखने के बाद चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट में 'हाइब्रिड मोड' में कामकाज की व्यवस्था लागू कर दी है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को अपने आदेश में कहा, मीडिया रिपोर्ट्स के हिसाब से देश में कोरोना के मामले तेजी से काम कर रहे हैं. ऐसे में अगल वकील चाहें तो हाइब्रिड मोड में काम कर सकते हैं. वे अदालत आना चाहते हैं तो आएं अन्यथा वे अदालत के सामने वर्चुअल तरीके से अपना पक्ष रख सकते हैं.
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