Agnipath Scheme: इन देशों में पहले से लागू है अग्निपथ जैसी योजना, सेना में भर्ती होने के ये हैं नियम

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 18, 2022, 02:45 PM IST

अग्निपथ योजना

Tour Of Duty स्कीम के तहत अग्निवीर योजना लाई गई है. ऐसी योजना सिर्फ भारत में ही नहीं लाई गई, यह पहले भी कई देशों में लागू है.

डीएनए हिंदी: सरकार द्वारा लागू की गई अग्निपथ योजना का विरोध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. कहीं आगजनी है तो कहीं पथराव. कहीं ट्रेन रोकी जा रही हैं तो कहीं हालातों को काबू में करने के लिए धारा-144 लागू की जा रही है. ऐसे में यह जानना और भी जरूरी हो जाता है कि यह योजना सिर्फ भारत में ही लागू नहीं हुई है, दुनिया के और भी कई देश हैं जहां टूर ऑफ ड्यूटी स्कीम के तहत लाई गई सेना भर्ती की ऐसी योजना लागू है.

क्या होती है Tour Of Duty
Tour Of Duty एक ऐसी स्कीम होती है, जिसमें तय अवधि के लिए लोगों को सेना में शामिल किया जाता है. यह कोई नया काॉन्सेप्ट नहीं है. दूसरे विश्व युद्ध के समय जब ब्रिटिश वायुसेना के पायलट तनाव में आ गए थे, तब वायुसेना में टूर ऑफ ड्यूटी का कॉन्सेप्ट लाया गया था. अब जानते हैं किन देशों में टूर ऑफ ड्यूटी के तहत एक निश्चित अवधि के लिए सेना भर्ती अनिवार्य है. 

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अमेरिका
अमेरिका में दो साल के लिए सेना में भर्ती होने का विकल्प है. इसके योजना के तहत बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग के बाद एक्टिव ड्यूटी पर केवल दो साल के लिए ही रहना होगा. माना जा रहा है कि इससे उन लोगों को सहूलियत मिलेगी जो लम्बे समय के लिए सेना की नौकरी नहीं करना चाहते. अमेरिका के इस नए शॉर्ट टर्म सेना भर्ती प्लान के तहत दो साल की एक्टिव ड्यूटी के बाद आर्मी रिजर्व में अतिरिक्त दो साल की सेवा देनी होगी.

इजरायल 
इजरायल में पुरुष और महिला, दोनों के लिए मिलिट्री सर्विस अनिवार्य है. पुरुष इजरायली रक्षा बल में 3 साल और महिला करीब 2 साल तक सेवा देती हैं. कुछ सैनिकों को अलग-अलग जिम्मेदारियों के तहत अतिरिक्त महीने की सेवा भी करनी पड़ सकती है. यह देश-विदेश में रह रहे इजरायल के सभी नागरिकों पर लागू होता है. सिर्फ मेडिकल आधार पर ही किसी को सेना छोड़ने की अनुमति मिल सकती है. 

ब्रिटेन
यहां आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के लिए टूर ऑफ ड्यूटी की सीमा अलग-अलग है. आर्मी में 18 साल के ऊपर के नौजवानों को चार साल के लिए टूर ऑफ ड्यूटी करनी पड़ती है. नेवी में ट्रेनिंग के बाद साढ़े तीन साल और एयरफोर्स में ट्रेनिंग के बाद तीन साल की सेवा देनी पड़ती है.  

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रूस
रूस में 18 से 27 साल तक के युवाओं को अनिवार्य सैन्य सेवा जरूरी है. पहले यहां अनिवार्य सैन्य सेवा के लिए युवाओं को 2 साल देने पड़ते थे. लेकिन 2008 से इसे घटाकर मात्र 12 महीने कर दिया गया है. डॉक्टर, शिक्षक जैसे पदों पर नियुक्त लोगों के लिए इसमें ढील दी गई है. वहीं, जिन पुरुषों को 3 साल या उससे कम उम्र के बच्चें हों उन्हें भी इससे छूट मिली हुई है. 

बरमूडा
बरमूडा में पुरुषों को सेना में भर्ती करने के लिए सरकार लॉटरी निकालती है. इसमें 18 से 32 वर्ष तक के पुरुषों की भर्ती की जाती है. इस लॉटरी में जिनका नाम आता है, उन्हें बरमूडा रेजिमेंट में अनिवार्य रूप से 38 महीनों के लिए सेवा देनी पड़ती है. 

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स्विट्जरलैंड
स्विट्जरलैंड में सभी सेहतमंद पुरुषों को वयस्क होते ही मिलिट्री में शामिल होना होता है. यह सेवा करीब 21 हफ्ते की होती है. इसके बाद जरूरी ट्रेनिंग के अनुसार इसे बढ़ाया जा सकता है. आमतौर पर इसमें 6 ट्रेनिंग पीरियड होते हैं. हर ट्रेनिंग 19 दिन की होती है. 

इन देशो में भी लागू है ऐसी योजना
तुर्की, नॉर्वे, थाईलैंड, सिंगापुर, सीरिया, दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया, ब्राजील,ऑस्ट्रिया, अंगोला, डेनमार्क, मैक्सिको, ईरान जैसे कई अन्य देशों में भी ऐसी योजना लागू है.

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