डीएनए हिंदी: देश में ओमिक्रॉन (Omicron) के बढ़ते केसों के बीच फ्रंटलाइन वर्कर्स और बीमार बुजुर्गो को कोविड वैक्सीन (Covid Vaccine) की बूस्टर डोज (Booster Dose) दी जा रही है और 15-18 वर्ष के बच्चों को भी वैक्सीन लगना शुरू हो चुकी है. वहीं इसी बीच अमेरिका की एमोरी विश्वविद्यालय की एक स्टडी में सामने आया है कि Bharat Biotech की स्वदेशी वैक्सीन Covaxin की दूसरी डोज लगने के बाद यदि 6 महीने में बूस्टर डोज लगाई जाती है तो वो 90 प्रतिशत तक ओमिक्रॉन समेत कई खतरनाक कोविड वेरिएंट के संक्रमण को समाप्त कर देती है.
कंपनी ने किया दावा
दरअसल, इस अमेरिकी विश्वविद्यालय की स्टडी को लेकर भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने दावा किया है कि Covaxin का बूस्टर शॉट Covid-19 के ओमिक्रॉन और डेल्टा (Delta) दोनों वेरिएंट को बेअसर कर देगा. कंपनी ने कहा है कि कोवैक्सिन (Covaxin) की बूस्टर डोज ने ओमिक्रॉन और SARS-CoV-2 के डेल्टा वेरिएंट के ख़िलाफ़ प्रचुर मात्रा में एंटीबॉडी बनाई हैं.
कंपनी ने वैक्सीन की जानकारी देते हुए कहा, “विश्लेषण से पता चला है कि दो-खुराक Covaxin (BBV152) वैक्सीनेशन सीरीज के 6 महीने बाद सेल मीडिएट इम्यूनिटी और होमोलोगस (D614G) और हेट्रोलोगस स्ट्रेन (अल्फा, बीटा, डेल्टा, और डेल्टा प्लस) के लिए एंटीबॉडी को बेअसर करने में मददगार रहा.”
Booster डोज पर फोकस कर रही कंपनी
वहीं इस मौके पर भारत बायोटेक के चेयरमैन कृष्णा एला ने कहा, “ये ट्रायल परिणाम कोवैक्सिन को बूस्टर खुराक के रूप में प्रदान करने के हमारे टारगेट की दिशा में एक मजबूत आधार देते हैं. COVID-19 के खिलाफ एक वैश्विक वैक्सीन विकसित करने का हमारा लक्ष्य वयस्कों, बच्चों, दो खुराक प्राथमिक और बूस्टर खुराक के लिए संकेतित Covaxin के साथ हासिल किया गया है. यह वैक्सीन को एक यूनिवर्सल वैक्सीन के रूप में इस्तेमाल करने में सक्षम बनाता है.”
Booster डोज है आवश्यक
इतना ही नहीं, कंपनी के प्रमुख ने कहा है कि तीसरी अर्थात बूस्टर डोज एक बड़ी आवश्यकता है. उन्होंने कहा, “देश में बढ़ते कोविड के आंकड़ों को देखते हुए भारत बायोटेक का मानना है कि सुरक्षा के उच्चतम स्तर को बनाए रखने के लिए तीसरी खुराक (Booster Dose) फायदेमंद हो सकती है."
बच्चों को लग रही है केवल Covaxin
आपको बता दें कि 15-18 वर्ष के बच्चों को जो वैक्सीन लगाई जा रही है वो भारत बायोटेक की Covaxin ही है. इसे भारत सरकार ने सबसे पहले बच्चों को देने की इजाजत दी है. वहीं अब ओमिक्रॉन से लेकर कोविड के लगभग सभी वेरिएंट पर कोवैक्सिन का प्रभाव एक सकारात्मक संकेत है जो कि इस महामारी को खत्म करने में कारगर साबित हो रही है.