डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में छपरौली क्षेत्र के बाछौड़ गांव में पुलिस दबिश के दौरान जहर खाने से मां और दो बेटियों की मौत के मामले में नामजद आरोपी दारोगा को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने शुक्रवार को बताया कि जांच में यह तथ्य सामने आया है कि दबिश के दौरान दारोगा नरेश पाल की मौजूदगी में ही मां और बेटियों ने जहर खाया था. उन्होंने कहा कि उस वक्त उसने सूझबूझ का परिचय देने के बजाय लापरवाही बरती और इसके मद्देनजर दारोगा को निलंबित कर दिया गया है.
पुलिस ने बताया कि महिला अनुराधा (47) और उसकी छोटी बेटी प्रीति (17) का शव पोस्टमार्टम के बाद गांव में लाया गया तो महिलाओं ने सड़क पर ही एंबुलेंस रोक ली और धरने पर बैठ गईं और हंगामा किया. बाद में वरिष्ठ अधिकारियों ने पीड़ित परिवार की उचित मदद करने का आश्वासन दिया. इसके बाद शवों का अंतिम संस्कार किया गया.
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गौरतलब है कि गत तीन मई को छपरौली थाना क्षेत्र के बाछौड़ गांव निवासी कान्ति नामक व्यक्ति ने पुलिस को तहरीर दी थी कि उसकी पुत्री को गांव का ही युवक प्रिंस लेकर फरार हो गया है. इस मामले में मंगलवार की रात पुलिस की दबिश के दौरान अभियुक्त की मां अनुराधा और दो बहनों स्वाति तथा प्रीति ने जहर खा लिया था. तीनों को मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां बुधवार को स्वाति की जबकि बृहस्पतिवार को अनुराधा और प्रीति की भी मौत हो गई.
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अनुराधा के पति महक सिंह ने मीडिया से कहा कि उसका बेटा प्रिंस यदि किसी युवती को लेकर चला गया तो बेटे के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन पुलिस ने परिवार के सभी सदस्यों को परेशान करना शुरू कर दिया. महक सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस कई बार उनके घर आई और उन्हें परेशान किया. उन्होंने आरोप लगाया कि आए दिन पुलिस उसके परिवार के सदस्यों को थाने ले जाकर मारपीट करती थी.
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