डीएनए हिंदी: Cyber Crime In India- चंडीगढ़ निवासी एक व्यक्ति को ओएलएक्स वेबसाइट (OLX) पर पुरानी मोटरसाइकिल सर्च करने का खामियाजा 40 हजार रुपये गंवाकर भुगतना पड़ा है. पीड़ित ने रविवार को सुरक्षा बल के एक कथित जवान की तरफ से अपनी पुरानी मोटरसाइकिल बेचने का विज्ञापन ओएलएक्स वेब पर पोस्ट किए जाने के बाद उससे संपर्क किया था. कथित जवान ने उससे कई बार में 40 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए और फरार हो गया. अब पीड़ित की शिकायत पर पुलिस फर्जी जवान की तलाश कर रही है.
ऐसे दिया नकली जवान ने झांसा
ओएलएक्स पर बाइक बेचने का विज्ञापन अपलोड करने वाले नकली जवान ने पूरी फील्डिंग बिछाई थी. उसने साल 2015 के मॉडल की बाइक बेचने के लिए विज्ञापन अपलोड किया, जिसमें खुद को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) का जवान बताया था और अपना आई-कार्ड व मोबाइल नंबर भी शो किया. चंडीगढ़ के मणि माजरा निवासी प्रमोद चंद्र मठपाल ने उससे फोन पर संपर्क किया और बाइक खरीदने की इच्छा जताई. प्रमोद को उसने अपना नाम तिलक मोहरा बताया और खुद को अंबाला में पोस्टेड बताया.
पहले 1 रुपया अपने अकाउंट में क्रेडिट कराया
प्रमोद के मुताबिक, कथित जवान ने मुझे कहा कि मैं उसके अकाउंट में 1 रुपया भेज दूं. बाकी की रकम तब देनी है, जब उसका दोस्त मुझे मोटरसाइकिल की डिलीवरी देगा. मुझे लगा कि वह सही आदमी है, इसलिए मैंने 12,000 रुपये की रकम उसके खाते में भेज दी. इसके बाद उसने मुझे कॉल किया और कहा आर्मी रूल्स मुझे 12,000 रुपये लेने की इजाजत नहीं देते. इसके बाद उसने मुझे 15,000 रुपये भेजने को कहा. साथ ही कहा कि मैं आपके 12,000 रुपये वापस भेज दूंगा. मैंने उसे 15,000 रुपये भेज दिए तो उसने 12,000 रुपये और भेजने के लिए कहा. मैंने वह रकम भी भेज दी. इस तरह कुल 40,000 रुपये उसके पास पहुंच गए.
हर बार अलग अकाउंट में ट्रांसफर कराई रकम
पंचकूला में काम करने वाले प्रमोद के मुताबिक, इसके बाद मुझे ठगी का अहसास हुआ तो मैंने उसे रविवार देर रात को व्हाट्एसएप कॉल किया. उसने फिर से एक अन्य अकाउंट में 12,000 रुपये भेजने के लिए कहा. इसके बाद उसने मुझे कहा कि वह मोटरसाइकिल खरीदने वाले 15,000 रुपये छोड़कर बाकी सारी रकम लौटा देगा. इस पर मैंने सारे ट्रांजेक्शन चेक किए. प्रमोद ने बताया, चेक करने पर पता लगा कि हर बार रकम अलग अकाउंट में ट्रांसफर कराई गई है. इसके बाद मैंने मणि माजरा पुलिस स्टेशन जाकर सारी बात बताई. वहां तैनात ऑफिसर ने मुझे साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन सेल में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी. मैंने साइबर क्राइम असिस्टेंस हेल्पलाइन 1931 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा दी है.
भरतपुर के हैं ज्यादातर ऐसे फर्जी सैन्य जवान
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंस्पेक्टर रंजीत सिंह के मुताबिक, पुलिस इस मामले में जांच कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि खुद को सैन्य जवान बताकर लोगों को ठगने के मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं. लोगों को किसी के भी खुद को सैन्य जवान बताने पर अंधा विश्वास नहीं करना चाहिए. खासतौर पर ऑनलाइन खरीदारी करते समय बेहद सावधान रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ऐसे ज्यादातर ठग राजस्थान के भरतपुर में एक्टिव हैं और वहीं से पूरे देश में ऑनलाइन ठगी को अंजाम दे रहे हैं.
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