डीएनए हिंदी: जामताड़ा का साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) कोई भूला नहीं है लेकिन अब एक ऐसा ही फ्रॉड हरियाणा (Haryana Cyber Fraud) के नूह से सामने आया है. हरियाणा पुलिस (Haryana 100 Crore Cyber Crime) ने नूह जिले से एक ऐसे साइबर क्राइम का खुलासा किया है, जहां से 35 राज्यों के 28 हजार लोगों के साथ 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की गई है. पुलिस ने बताया है कि ये साइबर महाठग फर्जी सिम, आधार कार्ड और पैन कार्ड के जरिए देशभर में लोगों के साथ धोखाधड़ी करते थे. इन लोगों ने दिल्ली से अंडमान निकोबार से लेकर केरल तक के लोगों को अपने साइबर फ्रॉड के जाल में फंसाया था.
दरअसल, हरियाणा पुलिस ने नूह के 'नए जामताड़ा' पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की है. इसमें लगभग 100 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट्स के अनुसार इन साइबर ठगों ने फर्जी बैंक अकाउंट (Fake Bank Account) खोले थे. इनमें ठगी का पैसा ट्रांसफर किया जाता था जिससे पुलिस इन तक न पहुंच सके. पुलिस ने इस ठगी में करीब 28000 लोगों से ठगी की बात कही है.
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पुलिस ने लिया एक्शन
हरियाणा के नूह जिले के पुलिस अधीक्षक वरूण सिंगला ने बताया है कि 27-28 अप्रैल की रात 5,000 पुलिसकर्मियों की 102 टीमों ने जिले के 14 गांवों में एक साथ छापेमारी की. इस दौरान करीब 125 संदिग्ध हैकर्स को हिरासत में लिया गया था. इनमें से 66 आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने बताया है कि इस केस में सभी आरोपियों को 11 दिनों की रिमांड पर भेजा गया है.
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फर्जी दस्तावेजों से होती थी ठगी
पुलिस की पूछताछ में ठगों ने बताया कि वे फर्जी सिम और आधार कार्ड के जरिए नई नई तकनीक से लोगों के साथ ठगी करते थे. पुलिस अभी छापे के दौरान जब्त किए गए मोबाइल फोन और सिम कार्ड की भी जांच कर रही है और संबंधित कंपनियों से मदद ले रही है जिससे इन ठगों के पूरे जाल का भंडाफोड़ किया जाएगा.
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हरियाणा पुलिस को पता चला है कि इन साइबर ठगों ने अब तक देश भर के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से करीब 28000 लोगों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी को अंजाम दिया है. इनके खिलाफ देशभर में करीब 1346 FIR दर्ज की गई हैं. साइबर ठगों से बैंकों में 219 खाते और 140 यूपीआई खातों की जानकारी के साथ ही यह भी पता चला है कि जिनसे भी ठगी की गई थी उनमें से अधिकतर ऑनलाइन बैंकिंग वाले अकाउंट थे.
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कैसे करते थे बड़े वित्तीय अपराध
साइबर ठग नौकरी देने के बहाने लोगों को धोखा देकर और फिर आधार कार्ड, पैन कार्ड, मोबाइल नंबर और ऑनलाइन केवाईसी करवाकर वित्तीय अपराध करते थे. वरुण सिंगला ने बताया कि ये महाठग फेसबुक बाजार-ओएलएक्स और अन्य साइट पर बाइक, कार, मोबाइल फोन जैसे उत्पादों पर आकर्षक ऑफर का लालच देकर धोखाधड़ी की घटना को अंजाम देते थे. पुलिस ने बताया है कि ये लोग पुराने सिक्के बेचने-खरीदने के बहाने, सेक्सटोरशन के जरिए, केवाईसी और कार्ड ब्लॉक के नाम पर भी ठगी करते थे.
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पुलिस को जांच में पता चला है कि टेलीकॉम कंपनियों के हरियाणा, पश्चिम बंगाल, असम, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, दिल्ली, तमिलनाडु, पंजाब, नोर्थ ईस्ट, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक सर्किल से एक्टिवेट 347 सिम कार्ड का भी पता चला है जिनका उपयोग ये ठग साइबर क्राइम के लिए कर रहे थे. जांच के दौरान फर्जी सिम और बैंक खातों का स्रोत मुख्य रूप से राजस्थान के भरतपुर जिले से जुड़ा था.
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