Cyclone Biporjoy: बिपरजॉय का बढ़ रहा खतरा, देश के कई राज्यों में अलर्ट, कितना खतरनाक है ये तूफान?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 08, 2023, 08:55 AM IST

Cyclone Biparjoy.

Cyclone Biporjoy अरब सागर में साल का पहला चक्रवाती तूफान है. केरल में इस वजह से मॉनसून की गति धीमी हो गई है. आइए जानते हैं इस तूफान के बारे में सबकुछ.

डीएनए हिंदी: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Biparjoy) तेजी से एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल रहा है. मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक अगले 48 घंटों के दौरान यह तूफान और तेज हो जाएगा. मौसम विभाग के मुताबिक अगले तीन दिनों के दौरान चक्रवात उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा. 

मौसम विभाग ने अभी तक भारत, ओमान, ईरान और पाकिस्तान सहित अरब सागर से सटे देशों पर किसी बड़े प्रभाव की भविष्यवाणी नहीं की है. आइए जानते हैं तूफान के बारे में 5 बड़ी अपडेट.

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1. IMD के मुताबिक चक्रवात बिपारजॉय पूर्व-मध्य और उससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर मंडरा रहा है. गोवा के पश्चिम-दक्षिण पश्चिम से लगभग 870 किमी और मुंबई के दक्षिण-पश्चिम से तूफान अभी 930 किमी दूरी पर है. तूफान तीव्र तीव्रता से गुजर रहा है. आने वाले 48 घंटों में यह तूफान, चक्रवाती तूफान में बदल सकता है.

2. वायुमंडलीय स्थितियों और क्लाउड मास से संकेत मिल रहे हैं कि 12 जून तक एक बहुत ही गंभीर चक्रवात सामने आ सकता है.

3. यह चक्रवात एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है. गुजरात के तटीय जिले पोरबंदर के लगभग 1,060 किमी दक्षिण-पश्चिम में अभी यह केंद्रित है. राज्य सरकार संभावित प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

4. मौसम विभाग ने कर्नाटक के तट पर मछुआरों के लिए चेतावनी जारी की है. उन्हें खतरनाक मौसम की स्थिति के मद्देनजर अरब सागर में न उतरने के लिए कहा गया है.

5. इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इंफॉर्मेशन सर्विसेज (INCOIS) के मुताबिक तूफान की वजह से मंगलुरु से करवार तक तट तक 2.3-3.2 मीटर की सीमा में ऊंची लहरें उठ सकती हैं.

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भारत पर चक्रवात बिपरजॉय का प्रभाव

केरल में इस चक्रवात की वजह से अगले 48 घंटे में मानसून की स्थिति बन सकती है. चक्रवात बिपरजॉय की वजह से यह कमजोर पड़ सकता है. इस तूफान की वजह से दक्षिण अरब सागर के ऊपर पछुआ हवाओं का प्रवाह बढ़ गया है.

मध्य क्षोभमंडल स्तर तक पछुआ हवाओं की गहराई में वृद्धि देखने को मिल सकती है. दक्षिण पूर्व अरब सागर, लक्षद्वीप और केरल के तटों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है. अगले 48 घंटों के दौरान केरल में मानसून की शुरुआत के लिए स्थितियां अनुकूल हो रही हैं.

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