डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वाति सिंह के बीच तलाक हो गया है. इसके साथ ही दोनों का 22 साल का रिश्ता खत्म हो गया है. स्वाति सिंह योगी कैबिनेट 1.0 में महिला कल्याण मंत्री थी. स्वाति सिंह लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं, मगर बीजेपी ने यहां से ब्रजेश पाठक को खड़ा किया था. दयाशंकर बलिया से विधानसभा चुनाव लड़कर जीत गए थे. ऐसे में पति पत्नी के बीच दूरियां बढ़ती चली गईं और बात तलाक पर आ गई.
रिपोर्ट्स के अनुसार योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह के मामले में पारिवारिक न्यायालय में सुनवाई करते हुए अपर प्रधान न्यायाधीश देवेंद्र नाथ सिंह ने विवाह को समाप्त मानते होने का फैसला सुनाया है. स्वाति सिंह ने 30 दिसंबर 2022 को पारिवारिक न्यायालय में वाद दाखिल करके तलाक की अर्जी दी थी.
‘उसके माथे में गड़बड़ है, ठीक कर देंगे’, जज पर विवादित टिप्पणी कर बुरे फंसे हरियाणा के CM खट्टर
रिश्ते की बात करें तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में काम करने के दौरान दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह के रिश्ते की बुनियाद पड़ी थी.जानकारी के मुताबिक उस समय स्वाति सिंह इलाहाबाद से एमबीए (MBA) की पढ़ाई कर रही थीं. वहीं, दूसरी तरफ दयाशंकर सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय (LU) की छात्र राजनीति में बड़ा नाम थे.
'थोड़ा कूल रहो दोस्त, इतनी पतली चमड़ी ठीक नहीं' जानें शशि थरूर ने क्यों दी जयशंकर को ऐसी सलाह
खास बात ये थी कि दोनों बलिया से आते थे और परिषद के काम ने उनका मेलजोल और बढ़ा दिया. इस बीच उनके रिश्ते प्रगाढ़ हो गए. बाद में दोनों ने शादी कर ली. वहीं, 22 साल पहले जिस रिश्ते की शुरुआत दोनों ने मिलकर की थी, उसे आज कोर्ट ने पूर्ण विराम लगा दिया है और अब दोनों के रास्ते अलग हो गए हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.