12 से 18 साल के लिए आ गई एक और Covid वैक्सीन, Novavax को DCGI से मिली मंजूरी 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 23, 2022, 11:54 AM IST

नोवावैक्स को डीसीजीआई ने मंजूरी दे दी है.

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने नोवावैक्स वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है.

डीएनए हिंदीः भारत में वेरिएंट डेल्टाक्रॉन (Deltacron) ने दस्तक दे दी है. कई राज्यों में इस नए वेरिएंट के संदिग्ध मामले सामने आए हैं. महाराष्ट्र-दिल्ली समेत 7 राज्यों में 568 मामले जांच के दायरे में हैं. इसी बीच लोगों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने नोवावैक्स वैक्सीन (Novavax Covid-19 Vaccine) के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. इस वैक्सीन को भारत में 12-18 साल के बच्चों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. 

सीरम इंस्टीट्यूट ने किया निर्माण 
नोवावैक्स (Novavax) का निर्माण पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) द्वारा किया गया है. यह पहला प्रोटीन-आधारित वैक्सीन है, जो भारत में इस आयु वर्ग में उपयोग के लिए अधिकृत किया गया है.

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कैसे काम करती है नोवावैक्स वैक्सीन?
नोवावैक्स (Novovax) एक प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन है और यह अन्य टीकों से बिल्कुल अलग है. प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन में एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जिससे वे रक्षा करते हैं. ऐसे में कोरोना वायरस से बचाव के लिए इनमें स्पाइक प्रोटीन होते हैं, जो वायरस की सतह को ढक लेते हैं, जिसे इम्यून सिस्टम आसानी से पहचान सकता है. जब वास्तविक वायरस का सामना होता है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली में ऐसे बचाव होते हैं जो वायरस के इन बाहरी हिस्सों पर हमला करने और इसे जल्दी से नष्ट करने के लिए प्रशिक्षित होते हैं. वहीं स्पाइक प्रोटीन अपने आप में हानिरहित, कोविड संक्रमण पैदा करने में असमर्थ होते हैं. यह कीट कोशिकाओं के भीतर, पेचीदा रूप से बनते हैं. फिर प्रोटीन को शुद्ध किया जाता है और एक सहायक घटक में जोड़ा जाता है जो इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है.

(इनपुट- एएनआई)

नोवावैक्स कोरोना वैक्सीन