डीएनए हिंदीः कोरोना (Corona Virus) के खिलाफ लड़ाई में भारत को एक और हथियार मिल गया है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सिंगल डोज स्पूतनिक लाइट वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दे दी है. इसके बाद देश में स्वीकृत कोरोना वैक्सीन की संख्या 9 हो गई है. इसकी जानकारी खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट करके दी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर लिखा कि DCGI ने भारत में सिंगल-डोज स्पुतनिक लाइट कोरोना वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी है. ये देश की 9वीं वैक्सीन है, जो लोगों को दी जाएगी. साथ ही ये महामारी के खिलाफ देश की सामूहिक लड़ाई को और मजबूत करेगी. वैसे रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी को सरकार ने पिछले साल ही मंजूरी दी थी, जिसकी दो डोज लोगों को लगाई जा रही है.
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देश में मिली 9वीं कोरोना वैक्सीन
स्पूतनिक लाइट 9वीं कोरोना वैक्सीन बन गई है जिसे देश में आपात उपयोग को मंजूरी दी गई है. अब तक जिन आठ वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है वह सभी दो डोज वाली हैं. इनमें स्पूतनिक वी, कोविशील्ड, कोवैक्सीन, कोवोवैक्स, कोर्बेवैक्स के साथ ही मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और जायडस कैडिला की जाय कोव डी शामिल है.
देश में ही होगा उत्पादन
डा. रेड्डीज लैबोरेटरीज के सीईओ इरेज इजरायली ने कहा कि कंपनी भारत में स्पुतनिक का उत्पादन करने में सक्षम हो गई है. स्पूतनिक लाइट को वैक्सीन और स्पूतनिक वी के बूस्टर डोज के रूप में पंजीकृत कराने के लिए भारत सरकार के साथ सक्रिय रूप से बातचीत चल रही है.
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जानिए कितनी है प्रभावी?
द लैंसेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्पूतनिक लाइट कोरोना के खिलाफ 78.6-83.7 फीसदी सक्षम है जोकि कोरोना की दो वैक्सीन की तुलना में बेहतर है. इसके इस्तेमाल से कोरोना के मरीज की अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 82.1-87.6 फीसदी तक कम हो जाती है. स्पूतनिक वी और स्पूतनिक लाइट में बहुत फर्क है. मौजूदा वक्त में भारत में स्पूतनिक वी की दो डोज लोगों को दी जा रही है, जबकि स्पूतनिक लाइट की एक ही डोज कोरोना के खिलाफ काफी है.