डीएनए हिंदी: सोशल मीडिया पर डीपफेक वीडियो (Deepfake Video) के मामलों में बढ़ती तेजी के कारण केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है. ऐसे वीडियो से बढ़ रही चिंता को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने एक स्पेशल ऑफिसर की नियुक्ति की है. केंद्रीय आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को बताया कि यह स्पेशल अफसर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर डीपफेक के खतरे की निगरानी करेगा. साथ ही लोगों को ऐसे वीडियो या कंटेंट के खिलाफ FIR दर्ज कराने में मदद भी करेगा. साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी अपनी यूजर टर्म्स में अगले 7 दिन के अंदर बदलाव करने को कहा गया है. इसके दायरे में डीपफेक वीडियो समेत उन 12 एरिया को लाने के लिए कहा गया है, जो भारतीय इंटरनेट पर प्रतिबंधित दायरे में हैं. सरकार ने यह कदम इंटरनेट पर डीपफेक वीडियोज की बाढ़ आने के बाद उठाया है. खासतौर पर पिछले दिनों कैटरीना कैफ, काजोल और रश्मिका मंदाना समेत कई बॉलीवुड एक्टरों के डीपफेक वीडियो की बाढ़ आई है, जिसने हर तरफ इसे लेकर चिंता पैदा कर दी है.
Rule-7 अफसर को किया है नामित, क्या करेगा यह अफसर
केंद्रीय आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को बताया कि आज से Meity और सरकार एक Rule-7 ऑफिसर को नामित करेगी. यह अफसर सभी प्लेटफॉर्मों से उसके निर्देशों के 100 फीसदी अनुपालन की अपेक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा, Rule-7 अफसर एक आदमी होगा, जो एक प्लेफॉर्म तैयार करेगा. यह प्लेटफॉर्म सभी नागरिकों को सोशल प्लेटफॉर्म्स द्वारा नियम-कानूनों के उल्लंघन के आरोपों या रिपोर्टों को भारत सरकार के नोटिस में लाने में मदद करेगा. रूल-7 अफसर डिजिटल प्लेटफॉर्म से जानकारी लेगा और उसके हिसाब से एक्शन लेगा. सरल शब्दों में कहें तो हम नागरिकों के लिए सोशल प्लेटफॉर्म्स के कानून तोड़ने की जानकारी सरकार को देना आसान बनाएगा. इसके तहत डीपफेक वीडियो के साथ ही चाइल्ड सेक्शुअल एब्यूज मटीरियल (CSAM) से जुड़े विभिन्न कैटेगरी का कंटेंट भी आएगा, जो भारतीय इंटरनेट पर प्रतिबंधित है.
शुक्रवार को हुई है इंटरनेट कंपनियों के साथ मीटिंग
मंत्रालय ने शुक्रवार को इस मामले में इंटरनेट से जुड़े सभी अहम पक्षों के साथ मीटिंग की है. इस मीटिंग में इंटरनेट प्रदाता कंपनियों के सामने डीपफेक के मुद्दे को उठाया गया है. आईटी मंत्री ने कहा, आज सभी इंटरनेट मध्यस्थ कंपनियां इस बात पर सहमत हुई हैं कि मौजूदा आईटी एक्ट के तहत आईटी नियम डीप फेक से निपटने के लिए उनकी ओर से पर्याप्त अनुपालन आवश्यकताओं का प्रावधान करते हैं. इस दौरान भविष्य में इससे जुड़े कानून पर भी चर्चा की गई, जिसकी निश्चित ही बेहद जरूरत है, क्योंकि मौजूदा आईटी कानून 23 साल पुराना है. उन्होंने बताया कि इस पर फिर से जोर दिया गया है, जिस पर सभी इंटरनेट मध्यस्थ सहमत हुए हैं कि वर्तमान कानून और वर्तमान नियम गलत सूचना, स्पष्ट रूप से झूठी जानकारी और डीपफेक पर प्लेटफार्मों द्वारा अनुपालन आवश्यकताओं के लिए प्रदान करते हैं.
12 एरिया में 7 दिन के अंदर सुधारनी होगी सोशल प्लेटफॉर्म्स को यूजर टर्म्स
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मैंने आज सभी से अपील की है कि हम डीपफेक से जुड़े मुद्दों को फॉलो करेंगे. सरकार इस पर एक एडवाइजरी जारी करेगी. साथ ही सभी प्लेटफॉर्म्स को एक निर्देश भी जारी किया जाएगा. इसमें उन्हें अपने यूजर्स के साथ शर्तों को डीपफेक के अनुरूप बनाना होगा. साथ ही इन्हें उन 12 एरिया के तहत सुधारना होगा, जो भारतीय इंटरनेट पर प्रतिबंध के दायरे में हैं. सभी प्लेटफॉर्म्स को अगले 7 दिन के अंदर अपने सभी यूजर्स की शर्तों में बदलाव करने के साथ ही उन्हें प्लेटफॉर्म का उपयोग करते समय इस बारे में चेतावनी भी देनी होगी.
डीपफेक नहीं हटाने वाले प्लेटफॉर्म पर होगी कार्रवाई
केंद्रीय आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इससे पहले बताया था कि केंद्र सरकार ने सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को समन भेजा है. इनमें गूगल, फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम आदि शामिल हैं. इन सभी को 24 नवंबर को तलब किया गया है. साथ ही यह चेतावनी दी गई है कि यदि उन्होंने अपने प्लेटफॉर्म से डीपफेक वीडियो नहीं हटाए तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. शुक्रवार को इन प्लेटफॉर्म्स के साथ इसी समन के तहत मीटिंग की गई है.
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