डीएनए हिंदी: दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बुधवार को मुंबई में शिवसेना (UBT) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से उनके आवास पर मुलाकात की. अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सेवाओं के नियंत्रण से जुड़े केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) की लड़ाई में उद्धव का समर्थन मांगा है. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी से समर्थन मांगने के बाद अब केजरीवाल, महाराष्ट्र से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
उद्धव से मुलाकात के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा तथा दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी भी केजरीवाल के साथ थीं. अरविंद केजरीवाल का कहना है कि वह दिल्ली को केंद्र सरकार से बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं.
मुलाकात के बाद उद्धव और सीएम केजरीवाल ने क्या कहा?
उद्धव ठाकरे ने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद कि हम उन लोगों को हराने के लिए एक साथ आए हैं, जो लोकतंत्र के खिलाफ हैं. वहीं अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़ा केंद्र का अध्यादेश इस बात का परिचायक है कि मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास नहीं करती है. उन्होंने यह भी कहा कि CBI और ED का इस्तेमाल कर राज्य सरकारों को गिराया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें- हेट स्पीच मामले में आजम खान की सजा रद्द, इसी फैसले के चलते गई थी विधायकी
NCP चीफ से भी मिलेंगे अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल बुधवार को ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार से भी मिलकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ ‘आप’ की लड़ाई में उनका समर्थन मांगेंगे. इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने के लिए देशभर की यात्रा के तहत केजरीवाल और मान ने मंगलवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी.
क्या है केंद्र सरकार का अध्यादेश?
केंद्र सरकार भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और दानिक्स कैडर के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के वास्ते 19 मई को एक अध्यादेश लेकर आई थी.
इससे एक हफ्ते पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस, लोक सेवा और भूमि से संबंधित विषयों को छोड़कर बाकी सभी मामलों में सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली की चुनी हुई सरकार को सौंप दिया था.
इसे भी पढ़ें- नई संसद में क्यों रखा जा रहा सेंगोल, मौर्य और चोल साम्राज्य से जुड़ा है इतिहास, क्यों कहते हैं इसे राजदंड?
किसी अध्यादेश को छह महीने के भीतर संसद की मंजूरी मिलना आवश्यक होता है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र में इस अध्यादेश से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है. (इनपुट: भाषा)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.