डीएनए हिंदी: दिल्ली-AIIMS में इलाज करने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है. अस्पतालों के सामने लगी भारी भरकम भीड़ का इलाज कराने के लिए अब लोगों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अब एम्स में रोबोट इलाज करेगा. एम्स में रोबोट के जरिए केवल इलाज नहीं होगा बल्कि वहां सभी डॉक्टरों को रोबोट के जरिए सर्जरी करने और इलाज करने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि एम्स में रोबोट के आ जाने से वहां इलाज की स्पीड भी रोबोटिक हो जाएगी और वेटिंग कम हो जाएगी. मरीजों को महीनों के इंतजार से राहत मिल जाएगी. एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक इस सर्जरी के बाद मरीज को हफ्ते भर में मिलने वाली छुट्टी दो दिन में मिल सकती है, जिससे एम्स में वेटिंग की समस्या कम हो सकती है.
इसे भी पढ़ें- Army Chopper Crash: चिनाब नदी में क्रैश होकर गिरा सेना का हेलीकॉप्टर, किश्तवाड़ में सर्च ऑपरेशन जारी, 3 अधिकारी लापता
क्या आसान हो जाएगा एम्स में इलाज?
AIIMS के एकेडमिक्स डिपार्टमेंट की डीन डॉ मीनू वाजपेई कहती हैं, 'दुनिया के कई डॉक्टर सर्जरी और कई प्रोसीजर में रोबोट्स का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उसका मकसद इलाज में स्पीड लाना नहीं होता. दरअसल इंसानी हाथ के मुकाबले रोबोट के हाथ ज्यादा बारीक और मशीनी होते हैं.'
उन्होंने कहा, 'शरीर में मांसपेशियों, तंत्रिकाओं यानी नर्व्स और ब्लड के बीच मौजूद जटिल अंगों या जगहों तक रोबोट की उंगलियां आसानी से और कम जगह में पहुंच सकती हैं. इंसानी हाथों को वहीं पहुंचने के लिए ज्यादा जगह चाहिए होती है.
रोबोटिक्स की हर डॉक्टर को दी जाएगी ट्रेनिंग
एम्स में जो रोबोट अभी लाया गया है वह मेडट्रोनिक कंपनी के सहयोग से लाया गया है. एम्स के सभी डॉक्टरों को इस रोबोट के जरिए सभी प्रोसीजर रोबोट से करने की ट्रेनिंग दी जाएगी. यह ट्रेनिंग एम्स में काम कर रहे सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को दी जाएगी.
महंगी होती है रोबोटिक्स सर्जरी
बाहर काम कर रहे 50% डॉक्टरों को भी इन रोबोट के माध्यम से ट्रेनिंग देने की व्यवस्था एम्स ने की है. देश में रोबोटिक सर्जरी के एक्सपर्ट डॉक्टरों की संख्या बेहद कम है. ऐसे में इन रेजिडेंट डॉक्टरों के ट्रेनिंग पाने के बाद यह संख्या बढ़ सकती है. रोबोटिक सर्जरी काफी महंगी होती है लेकिन इस सर्जरी में इंफेक्शन का खतरा घट जाता है. कम जगह पर कट लगने से मरीज जल्दी रिकवर हो पाता है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.