डीएनए हिंदी: Delhi Odd Even Updates- दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर घटने का नाम नहीं ले रहा है. आसमान में पूरा दिन धुएं की परत के कारण कोहरे जैसे हालात बने हुए हैं, जिससे लोगों का सांस भी लेना दूभर हो गया है. इन हालात से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बीच दिल्ली में पड़ोसी राज्यों से आने वाली ओला-उबर जैसी ऐप-बेस्ड टैक्सी सर्विस की गाड़ियों की एंट्री भी बैन कर दी गई है. दिल्ली सरकार ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी है. इसके लिए दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट अलग से ऑर्डर जारी करेगा, जिसके बाद यह बैन लागू हो जाएगा. दिल्ली सरकार के आदेश के मुताबिक, जिन टैक्सियों का रजिस्ट्रेशन नंबर दिल्ली का है, बस वे टैक्सियां ही राजधानी की सड़कों पर चल पाएंगी. दिल्ली सरकार ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट की तरफ से वायु प्रदूषण को लेकर किए गए तीखे तंज के बाद उठाया है.
लगातार 'गंभीर' स्तर पर बनी हुई है दिल्ली की हवा
दिल्ली की हवा प्रदूषण के कारण लगातार 'गंभीर' स्तर पर बनी हुई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, बुधवार सुबह 7 बजे भी राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 421 पर था. हालांकि मंगलवार को हल्की सी आशा की किरण जागी थी, जब दिल्ली की हवा 'बेहद खराब' के स्तर पर दर्ज की गई थी यानी AQI लेवल 400 से नीचे आ गया था. लेकिन बुधवार को फिर से हालात खराब होते दिखे हैं. राजधानी में ये हालात रविवार को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) की चौथी स्टेज के प्रतिबंध लागू होने के बावजूद बने हुए हैं.
ऑड-ईवन लागू करने पर फैसला बाद में
राजधानी में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ने के बावजूद अभी ऑड-ईवन सिस्टम लागू नहीं होगा. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को एक बार फिर कहा कि हम पहले सुप्रीम कोर्ट का मंगलवार को आए आदेश का गहन अध्य्यन करेंगे. इसके बाद ही ऑड-ईवन पर फैसला किया जाएगा. उन्होंने हालांकि पहले तय योजना के हिसाब से 13 से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन सिस्टम लागू होने के संकेत भी दिए. उन्होंने कहा कि हम 13 से 20 नवंबर के बीच ऑड-ईवन सिस्टम लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिर करेंगे. इसके बाद यह फैसला लिया जाएगा. हालांकि इस पर फैसला सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर पढ़ने के बाद ही लिया जाएगा.
पड़ोसी राज्यों में भी लगे पटाखों पर बैन: गोपाल राय
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली से सटे राज्यों में भी पटाखों पर बैन लगाए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मेरे ख्याल से सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पटाखों पर बैन को लेकर दिए गए आदेश का असर होगा, लेकिन भाजपा महज बयानबाजी से प्रदूषण कंट्रोल कर रही है. इस समय हालात ये हैं कि देश में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के होने का पता ही नहीं चल रहा है.
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