केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मंशा पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का जवाब भी दिया है. उन्होंने कहा, 'गृह मंत्री ने अपने बयान में मेरे द्वारा उठाए गए किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि केजरीवाल भ्रष्ट हैं. मैं महत्वपूर्ण नहीं हूं.'
अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'सीएए लागू होने से देश असुरक्षित होगा, कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी हो जाएगी. करदाताओं का पैसा दूसरे देशों के अल्पसंख्यकों पर खर्च करना स्वीकार्य नहीं है.'
'विभाजन के दौर से बड़ा पलायन होगा'
अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'उनसे पूछिए जब हम अपने ही लोगों को रोजगार देने में सक्षम नहीं हैं, तो पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को रोजगार और आवास कैसे देंगे? सीएए के कारण जो पलायन होगा, वह विभाजन के दौरान हुए पलायन से भी बड़ा होगा.'
विदेशियों को बसाएंगे, नौकरी कहां से देंगे?
अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि आज सारी सरकार मिलकर अपने देश के बच्चों को रोजगार देने में असमर्थ हैं, आप भारी संख्या में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के लोगों को बसाना चाहते हो उनको कहां से नौकरियां देंगे?'
'पहले अपने बच्चों के लिए नौकरी का इंतजाम करें'
अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'पहले अपने बच्चों के लिए नौकरियों का इंतजाम करें. उनके लिए घर कहां से आएंगे? अपने देश में लोगों के पास नौकरी और घर नहीं हैं.'
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा क्या था?
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, 'दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने भ्रष्टाचार के उजागर होने से अपना आपा खो बैठे हैं. उन्हें पता नहीं है कि ये लोग भारत में आ चुके हैं और भारत में रह रहे हैं.'
अमित शाह ने कहा, 'अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो वे बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात नहीं करते या रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते? वे वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं. वे विभाजन की पृष्ठभूमि भूल गए हैं, उन्हें शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए.'
अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि शरणार्थियों को नागरिकता देने से चोरी और बलात्कार बढ़ेंगे.'
DNA हिंदी अब APP में आ चुका है. एप को अपने फोन पर लोड करने के लिए यहां क्लिक करें.
देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.