धर्मांतरण की खबरों पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कई मीडिया घरानों को लगाई फटकार, वजह क्या है?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 12, 2023, 03:05 PM IST

Delhi High Court.

दिल्ली हाई कोर्ट ने धर्मांतरण की खबरों को लेकर कई मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को लताड़ लगाई है. कोर्ट ने तत्काल ऐसी खबरों को हटाने का निर्देश दिया है.

डीएनए हिंदी: दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कुछ मीडिया घरानों, ट्विटर और गूगल समेत कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को लताड़ लगाई है. हाई कोर्ट ने उन खबरों और वीडियो के लिंक को ब्लॉक करने का निर्देश दिया, जिनमें दावा किया गया है कि एक मुस्लिम व्यक्ति ने एक महिला को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया. 

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने आदेश दिया है कि यह एक गंभीर खतरा है, जो समाचार से जुड़ी खबरों और ऑनलाइन उपलब्ध वीडियो पर दर्शकों द्वारा की गई टिप्पणियों से साफ जाहिर है.

हाई कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारतीय प्रेस परिषद, समाचार प्रसारण और डिजिटल मानक प्राधिकरण (NBDSA) और गूगल एलएलसी तथा ट्विटर इंक को नोटिस जारी किया. 

इसे भी पढ़ें- बिहार में पुलिसवाले ही करने लगे शराब की डिलीवरी, दूसरे जिले के अफसरों ने पकड़ा तो नपे दो दारोगा

किन न्यूज चैनलों को कोर्ट ने दिया नोटिस?

कोर्ट ने सुदर्शन न्यूज के अध्यक्ष सुरेश चव्हाणके, ओडिशा टेलीविजन लिमिटेड, पिट्टी मीडिया एलएलपी, भारत प्रकाशन लिमिटेड को भी नोटिस जारी किया जो द ऑर्गनाइजर, वॉयस ऑफ द नेशन का मालिक है. 

24 मई को होगी अगली सुनवाई 

हाई कोर्ट ने पक्षकारों से उस व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर जवाब देने को कहा, जिसके खिलाफ एक महिला ने बलात्कार का मामला दायर किया है. हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 24 मई को नियत की है. 

कोर्ट ने वीडियो हटाने का दिया निर्देश

प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत शिक्षक होने का दावा करने वाले याचिकाकर्ता अजमत अली खान ने दिल्ली निवासी महिला द्वारा 19 अप्रैल को उनके खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी के संबंध में ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर प्रकाशित और प्रसारित समाचार और वीडियो को हटाने की मांग की है. 

इसे भी पढ़ें- कांग्रेस-BJP और JDS, सभी ने दिया क्रिमिनल्स को टिकट, आज के अपराधी कल बन जाएंगे माननीय!

क्या है पूरा केस 

प्राथमिकी में महिला ने अजमत अली खान पर उसे धर्मांतरण के लिए बाध्य करने का आरोप लगाया है. याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि समुदायों में नफरत फैलाने के उद्देश्य से इस तरह की खबरों का प्रकाशन और सामग्री तथा वीडियो आदि का वितरण पूरी कहानी को सांप्रदायिक रंग देकर किया जा रहा है. (इनपुट: भाषा)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

twitter Google religious conversions Delhi High Court Forced conversion