Delhi Kanjhawala Case: 'लड़की को 13 किलोमीटर घसीटा था' चार आरोपियों ने माना था अपराध

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 18, 2023, 08:46 AM IST

kanjhawala Accident Case

Kanjhawala Case: दिल्ली में आरोपियों की कार से टकराकर स्कूटी सवार युवती टायर में फंसकर घिसटती रही थी, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी. कोर्ट इस केस में आरोप तय करने पर 27 जुलाई को फैसला सुनाएगी.

डीएनए हिंदी: Delhi Hit And Run Case- दिल्ली के कंझावाला में 20 साल की अंजलि को 13 किलोमीटर तक सड़क पर घसीटने की बात कार में सवार चारों आरोपियों ने स्वीकार की थी. यह बात इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताई है. नए साल की रात में हुए इस भयानक हादसे में अंजलि की स्कूटी शराब के नशे में चूर लड़कों की कार से टकरा गई थी. इसके बाद अंजलि कार के टायर वाली जगह पर फंस गई थी. इसके बावजूद आरोपियों ने कार नहीं रोकी थी. इसके चलते अंजलि करीब 13 किलोमीटर तक कार के साथ घिसटती रही और उसकी बेहद दर्दनाक तरीके से मौत हो गई थी. 

कोर्ट आरोप तय करने पर 27 जुलाई को सुनाएगी फैसला

इस केस में एडिशनल सेशन जज नीरज गौड़ ने सोमवार को आरोपी अमित खन्ना, कृष्ण, मनोज मित्तल और मिथुन के खिलाफ आरोप तय करने पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. ये चारों आरोपी कार के अंदर घटना के समय मौजूद थे. दिल्ली पुलिस ने इनके खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या) और 120बी (आपराधिक साजिश) का आरोप लगाया था. कोर्ट अब 27 जुलाई को इस मामले में फैसला सुनाएगी.

दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में तीन अन्य लोगों आशुतोष भारद्वाज, अंकुश और दीपक खन्ना को भी IPC की धारा 201 (सबूतों से छेड़छाड़ करने), 212 (आरोपियों को छिपाना) और 182 (किसी अन्य को नुकसान पहुंचाने की नीयत से सरकारी व्यक्ति को झूठी जानकारी देना) का आरोपी बनाया गया है.

सरकारी वकील ने यह दीं दलीलें

सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ कई दलीलें दीं. उन्होंने कहा, कार में मौजूद चारों आरोपियों ने माना था कि वे मृतका को घसीटने के काम में शामिल थे, जो उनकी कार के नीचे फंसी हुई थी. उन्होंने कार को 13 किलोमीटर तक मृतका के साथ घसीटने की बात मानी थी, जिससे उसकी मौत हुई है. सरकारी वकील ने कहा कि ऐसे काम के लिए चारों आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 302 और 120बी के तहत मुकदमा चलाना उचित है. उन्होंने यह भी अंडरलाइन किया कि इस 'दर्दनाक घटना' की जांच कई अन्य पहलू से भी की गई है.

आरोपियों के वकील ने कही ये बात

आरोपियों के वकील जेपी सिंह ने अपने मुवक्किलों की रिहाई के कई आधार कोर्ट के सामने रखे. उन्होंने कहा, केवल आरोपियों के पुलिस के सामने दिए बयान के अतिरिक्त इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उन्हें अपने वाहन के नीचे मृतका के होने की जानकारी थी. ऐसी कोई CCTV फुटेज नहीं है, जिसमें आरोपी वाहन के नीचे झांकते दिखे हों. अभियोजन की तरफ से पेश स्क्रीनशॉट भी कोई ब्योरा नहीं दे रहा है. 

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