Delhi Kanjhawala Case: कोर्ट ने माना लड़की को कार के नीचे 13 किमी घसीटकर की थी हत्या, आरोपियों पर ये दोष तय

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 27, 2023, 03:29 PM IST

kanjhawala Accident Case

Kanjhawala Hit And Drag Case: कोर्ट ने चारों आरोपियों को हत्या के अलावा सबूत नष्ट करने, साजिश रचने और भगोड़े के तौर पर छिपने का दोषी माना है. इनकी मदद करने वाले आरोपियों पर भी आरोप तय हुए हैं.

डीएनए हिंदी: Kanjhawala Accident Case- दिल्ली के कंझावाला हिट एंड ड्रैग केस (Kanjhawala Hit And Drag Case) में रोहिणी की अदालत ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं. अदालत ने चारों आरोपियों मनोज मित्तल, अमित खन्ना, कृष्ण और मिथुन को 20 साल की अंजलि की हत्या का दोषी माना है. अंजलि की स्कूटी में नशे की हालत में टक्कर मारने के बाद उसे कार के नीचे 13 किलोमीटर तक घसीटने को अदालत ने गैर इरादतन हत्या का मामला नहीं मानते हुए IPC की धारा 302 के तहत आरोप तय किए हैं. इसके अलावा भी उन पर IPC की कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं. इन आरोपियों की मदद करने के आरोपी दीपक, आशुतोष और अंकुश को भी छिपाने और सबूतों से छेड़छाड़ करने जैसे गंभीर आरोपों के तहत चार्ज किया गया है. हालांकि इन तीनों को अदालत ने आपराधिक साजिश का दोषी नहीं माना है. अब अदालत इस मामले में औपचारिक रूप से आरोपों की घोषणा 14 अगस्त को करेगी.

अदालत ने इन धाराओं को तहत तय किए हैं आरोप

कंझावाला एक्सीडेंट केस (Kanjhawala Accident Case) में रोहिणी कोर्ट ने आरोपी मनोज मित्तल, अमित खन्ना, कृष्ण और मिथुन को IPC की धारा 302 के तहत दोषी माना है. इसके अलावा उन्हें IPC की धारा 201 (सबूत नष्ट करना), धारा 212 (अपराधी को छिपाने) और धारा 120बी (आपराधिक साजिश रचने) का भी आरोपी माना गया है. अमित के खिलाफ कोर्ट ने अलग से लापरवाही से ड्राइविंग करने का आरोप भी तय किया है.

मदद करने वालों के खिलाफ तय हुए हैं ये आरोप

चारों मुख्य आरोपियों की अपराध छिपाने में मदद करने का आरोप दीपक, आशुतोष व अंकुश पर लगा है. कोर्ट ने तीनों को IPC की धारा 201, 212, 182 और 34 के तहत आरोपी माना है. तीनों के खिलाफ आपराधिक साजिश की धारा 120बी को कोर्ट ने हटा दिया है. 

क्या हुआ था पूरा मामला

नए साल की रात में चारों मुख्य आरोपी एक कार में दिल्ली की सड़कों पर नशे में घूम रहे थे. रात में कंझावाला इलाके में सड़क पर उनकी कार ने 20 साल की अंजलि की स्कूटी में टक्कर मारी (Delhi Hit And Run Case). टक्कर लगने पर अंजलि दूर गिरने के बजाय किसी कारण टायर और बंपर के बीच की जगह में कार के नीचे ही फंस गई थी. इसके बावजूद आरोपियों ने कार नहीं रोकी थी और अंजलि करीब 13 किलोमीटर तक कार के साथ घिसटती रही. इसके चलते उसकी बेहद दर्दनाक तरीके से मौत हो गई थी. अदालत में सुनवाई के दौरान चारों आरोपियों ने यह बात मान भी ली थी कि उन्होंने मृतका को अपनी कार के नीचे घसीटा था.

आरोपियों के वकील ने कहा था कमजोर हैं सबूत 

आरोपियों की तरफ से इस मामले में वकील जेपी सिंह दलीलें रख रहे थे. उन्होंने कोर्ट के सामने अपने मुवक्किलों के खिलाफ सबूतों के कमजोर होने की दलील रखी थी. उन्होंने कहा था कि आरोपियों का केवल पुलिस के सामने दिया बयान ही सबूत के तौर पर मौजूद है, जिसकी कोई वैल्यू नहीं है. उन्होंने यह भी दलील दी थी कि आरोपियों को अपनी कार के नीचे मृतका के फंसे होने की जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा था कि अभियोजन ने इस बात का कोई सबूत पेश नहीं किया है. उन्होंने ऐसी CCTV फुटेज भी पुलिस को नहीं मिलने की बात कही थी, जिसमें आरोपियों ने एक्सीडेंट के बाद कार के नीचे झांककर देखा हो ताकि ये माना जा सके कि उन्हें मृतका के फंसे होने की जानकारी थी. उन्होंने इसी आधार पर अपने मुवक्किलों के खिलाफ हत्या की धारा लगाए जाने को अनुचित माना था.

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