Arvind Kejriwal को सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत, गिरफ्तारी की वैधता पर फैसला बड़ी बेंच करेगी

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Jul 12, 2024, 11:10 AM IST

Delhi CM Arvind kejriwal .

Delhi Liquor Policy Case में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फरवरी महीने से जेल में बंद हैं. ED की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए केजरीवाल कोर्ट पहुंचे थे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत के बावजूद केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे, क्योकि CBI ने भी उन्हें हिरासत में ले रखा है.

Delhi Liquor Policy Case में 21 मार्च से तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी वैध थी या अवैध, अब इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संंविधान पीठ करेगी. केजरीवाल की तरफ से अपनी गिरफ्तारी को दी गई चुनौती पर सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने आज (शुक्रवार 12 जुलाई) अपना फैसला सुना दिया है. डबल बेंच ने अपना रिजर्व फैसला सुनाते हुए केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने की घोषणा की और ईडी के अधिकार को संवैधानिक मुद्दा मानते हुए यह मामला सुनवाई के लिए 5 जजों की संविधान पीठ को सौंपने की सिफारिश की है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद भी केजरीवाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे, क्योंकि अब ईडी के साथ ही केजरीवाल दिल्ली शराब नीति केस में ही सीबीआई की भी हिरासत में हैं. ऐसे में उन्हें वहां भी जमानत के लिए आवेदन करना होगा. हालांकि ईडी की गिरफ्तारी गलत साबित होने पर सीबीआई की तरफ से दर्ज मामले में केजरीवाल के लिए जमानत मांगना आसान हो जाएगा, क्योंकि दोनों केस एक ही जैसे तथ्यों पर आधारित हैं.


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फैसला सुनाते समय क्या कहा जजों ने

अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की डबल बेंच सुनवाई कर रही थी. इस बेंच ने 17 मई को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था. शुक्रवार को फैसला सुनाते समय बेंच ने कहा,' हमने इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग कानून (PMLA) के सेक्शन 19 के तहत विचार किया है. इस सेक्शन के आधार पर गिरफ्तारी की कसौटी तय की गई है. गिरफ्तारी की वैधता का मामला हम बड़ी बेंच को भेज रहे हैं. बड़ी बेंच में कितने सदस्य होंगे और वे कौन होंगे, ये बात चीफ जस्टिस (CJI) तय करते हैं. फिलहाल हम केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे रहे हैं. इससे पहले केजरीवाल की तरफ से अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताकर याचिका दाखिल की गई थी. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए केजरीवाल को निचली अदालत से जमानत मांगने की अनुमति दे दी थी. 


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निचली अदालत से मिली थी जमानत, हाई कोर्ट ने लगा दी थी रोक

अरविंद केजरीवाल ने जमानत के लिए निचली अदालत में अपील की थी, जिस पर सुनवाई के बाद दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 20 जून को 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया था. हालांकि इसके खिलाफ ईडी ने 21 जून को दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की थी, हाई कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर रोक लगा दी थी. इसके बाद 26 जून को सीबीआई ने भी इस मामले में केजरीवाल को अपनी हिरासत में लेने की घोषणा की थी. इससे उनकी बाहर आने की राह और ज्यादा मुश्किल हो गई थी.


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ED ने चार्जशीट में बताया है केजरीवाल को घोटाले का 'किंगपिन'

केजरीवाल की मुश्किल इस केस में लगातार बढ़ रही हैं. ईडी ने दो दिन पहले उनके खिलाफ हाई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें केजरीवाल को ही दिल्ली शराब घोटाले (Delhi Liquor Scam) का 'किंगपिन' बताया गया है. चार्जशीट में आरोपी नंबर 37 बताए गए केजरीवाल की गोवा विधानसभा चुनाव के लिए इस घोटाले के जरिये आम आदमी पार्टी (AAP) को 45 करोड़ रुपये की फंडिंग हवाला लेनदेन के जरिये कराने में अहम भूमिका बताई गई है.

तिहाड़ जेल से चल रही दिल्ली 'सरकार'

मार्च में अपनी गिरफ्तारी के बाद जेल जाने पर भी अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है. वे तिहाड़ जेल से ही दिल्ली 'सरकार' चला रहे हैं. फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को मई में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में पार्टी के प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी. 2 जून को अंतरिम जमानत की अवधि खत्म होने पर वे दोबारा जेल चले गए थे और तब से वहीं बंद हैं.

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