Arvind Kejriwal को नहीं मिली राहत, Delhi Liquor Policy Case में बढ़ी इतने दिन की हिरासत

कुलदीप पंवार | Updated:Jul 25, 2024, 01:50 PM IST

Delhi Liquor Policy Case में अरविंद केजरीवाल को मार्च में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम बेल मिलने के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री तिहाड़ जेल में ही बंद रहे हैं.

Delhi Liquor Policy Case में तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को करारा झटका लगा है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) की हिरासत की अवधि बढ़ा दी है. कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले (Delhi Excise Policy Scam) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में केजरीवाल को 8 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया है. केजरीवाल सुनवाई के लिए अदालत में पेश नहीं हुए बल्कि उन्होंने तिहाड़ जेल (Tihar Jail) से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी में हिस्सा लिया है, जिससे उनके स्वास्थ्य को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. 

बता दें कि केजरीवाल 21 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हिरासत में लिए थे. तब से वह तिहाड़ जेल में ही बंद हैं. महज लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया था, जिसमें आखिरी मतदान के बाद 2 जून को उन्हें दोबारा जेल लौटना पड़ा था. केजरीवाल के वकील लगातार उनके गिरते स्वास्थ्य का हवाला देकर जमानत की मांग कर रहे हैं. ED के केस में उन्हें निचली अदालत ने जमानत दे दी थी, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था.


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गोवा विधानसभा चुनाव का हवाला देकर जमानत का किया विरोध

ED ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अब तक पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी व BRS नेता के. कविता, AAP सांसद संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल समेत कई अन्य बिजनेसमैन को गिरफ्तार किया है. केजरीवाल के वकीलों की तरफ से उनके गिरते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए फिर से जमानत याचिका पेश की गई थी, जिसका विरोध करते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने गोवा विधानसभा चुनाव कैंपेन में काले धन के इस्तेमाल से जुड़े सबूत पेश किए थे. राजू ने दलील दी कि ये सबूत साबित करते हैं कि केजरीवाल ने आप के गोवा चुनाव अभियान के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी.


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ED ने दाखिल की है इस मामले में सप्लीमेंट्री कंप्लेंट

ईडी ने 1 जुलाई को इस मामले में विनोद चौहान और आशीष माथुर के खिलाफ एडिशनल सप्लीमेंट्री प्रॉसीक्यूशन कंप्लेंट फाइल की है. इसमें कहा गया है कि विनोद चौहान ने 45 करोड़ रुपये हवाला चैनल के जरिये चरणप्रीत सिंह को ट्रांसफर किए थे. चरणप्रीत सिंह की आप के गोवा चुनाव अभियान की देखरेख कर रहा था.


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ईडी ने हवाला ट्रांजेक्शन की पूछताछ के लिए मांगा केजरीवाल का रिमांड

ईडी ने कोर्ट से केजरीवाल को रिमांड पर सौंपने की मांग की. ईडी ने केजरीवाल के लगभग 45 करोड़ रुपये के हवाला लेनदेन के सबूत दिखाए. इन सबूतों की पुष्टि सीडीआर लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड, गोवा की एक हवाला फर्म से आयकर विभाग के छापे में मिला डेटा, आंशिक नकद और आंशिक बिल के रूप में भुगतान के सबूत और व्हाट्सएप कम्युनिकेशन के जरिये की गई. ईडी ने उन गवाहों के भी बयान पेश किए, जो आप के गोवा अभियान से जुड़े हुए थे. इन बयानों में भी आप का चुनाव कैंपेन मैनेज कर रहे चरणप्रीत सिंह को नकदी मिलने की पुष्टि की गई है. 

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