Delhi: नई शराब पॉलिसी को लेकर मनीष सिसोदिया के अहम खुलासे, CBI जांच के लिए लिखा पत्र

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 06, 2022, 04:08 PM IST

मनीष सिसोदिया

नई शराब नीति को लेकर मनीष सिसोदिया ने सीबीआई को पत्र लिखकर जांच की मांग की है. सिसोदिया ने आरोप लगाया कि पॉलिसी को रद्द करने का फैसला LG ने बिना कैबिनेट से बात किए लिया. इससे सरकार करोड़ों रुपये का नुकसान हो गया.

डीएनए हिंदी: नई शराब नीति को लेकर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने आज कई अहम खुलासे किए. उन्होंने कहा कि मई 2021 में पॉलिसी उपराज्यपाल के पास भेजी गई थी. एलजी ने पॉलिसी के लिए सुझाव दिए. उनके सुझाव को शामिल करने के बाद जून 2021 में पॉलिसी को पास किया गया था. सिसोदिया ने आरोप लगाया कि नई शराब नीति को रद्द करने का फैसला LG ने बिना कैबिनेट से बात किए बदल दिया. इससे दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. हमने इस मामले में सीबीआई को पत्र लिखा और जांच की मांग की है. 

मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि उपराज्यपाल ने यह फैसला किसके कहने पर लिया. सरकार को जो फायदा होना चाहिए वो हुआ नहीं. उसके पीछ यही कारण था कि पॉलिसी में अचानक बदलाव करना पड़ा. एलजी ने अगर अपना फैसला नहीं बदला होता तो सरकार को नुकसान की जगह करोड़ो रुपये का फायदा होता. सिसोदिया ने कहा कि एलजी ने अचानक अपना फैसला क्यों बदला और किसके कहने पर बदला, इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.

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सरकार को हुआ करोड़ों का राजस्व का नुकसान
सिसोदिया ने कहा, ‘नई आबकारी नीति के तहत अनधिकृत क्षेत्रों समेत पूरी दिल्ली में 849 दुकानें खोली जानी थीं. तत्कालीन उपराज्यपाल ने इस प्रस्ताव का विरोध नहीं किया और इसे मंजूरी दे दी.’ उन्होंने आरोप लगाया कि नीति लागू होने से दो दिन पहले पिछले साल 15 नवंबर को तत्कालीन उपराज्यपाल ने अपना रुख बदल लिया और शर्त लगा दी कि अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और दिल्ली नगर निगम (MCD) से अनुमति लेनी होगी. उन्होंने कहा, ‘तत्कालीन उपराज्यपाल के रुख में बदलाव के कारण अनधिकृत क्षेत्रों में दुकानें नहीं खोली जा सकीं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ.

2021 में लाई गई थी पॉलिसी
बता दें कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने जब नई आबकारी नीति तैयार की थी उस समय बैजल दिल्ली के उपराज्यपाल थे. इस नीति को 17 नवंबर 2021 को लागू किया गया था. सरकार ने अब यह नीति वापस ले ली है और वह एक सितंबर से अपने उपक्रमों के माध्यम से पुरानी आबकारी व्यवस्था के तहत शराब की दुकानें संचालित करने की तैयारी कर रही है. सिसोदिया ने कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि बैजल ने अपना रुख क्यों बदला, जिससे कुछ लोगों को लाभ हुआ और सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ.

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