Delhi Mayor Elections 2024: दिल्ली में लोकसभा चुनावों के बीच नगर निगम मेयर और डिप्टी मेयर के निर्वाचन की तैयारी थम गई है. भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) की तरफ से हरी झंडी दिखा देने के बावजूद शुक्रवार को मेयर-डिप्टी मेयर चुनाव नहीं कराया जाएगा. दिल्ली नगर निगम सचिव शिवप्रसाद केवी ने गुरुवार शाम को एक सर्कुलर जारी कर चुनाव प्रक्रिया स्थगित करने की घोषणा की है. ऐन मौके पर चुनाव स्थगित करने का कारण पीठासीन अधिकारी की तैनाती नहीं हो पाना बताया गया है. इससे पहले दिन में आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी यही सवाल पूछा कि पीठासीन अधिकारी की तैनाती हुए बिना चुनाव कैसे कराए जा सकते हैं? आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि पीठासीन अधिकारी की तैनाती अब तक नहीं हुई है. उसी समय अंदाजा लगाया जा रहा था कि शुक्रवार को चुनाव टाले जा सकते हैं.
सर्कुलर में कही गई है ये बात
निगम सचिव की तरफ से जारी सर्कुलर में 19 अप्रैल की दिल्ली नगर निगम सदन की बैठक में 26 अप्रैल को मेयर-डिप्टी मेयर चुनाव कराए जाने के फैसले का जिक्र है. इसमें कहा गया है कि इस फैसले में चुनाव के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग से परमिशन मांगने और पीठासीन अधिकारी नियुक्त करना तय किया गया था. निर्वाचन आयोग ने अपनी NOC दे दी है, लेकिन पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो सकी है. DMC Act के सेक्शन 77(a) के तहत पीठासीन अधिकारी का नामांकन चुनाव कराने के लिए अनिवार्य है. इसके चलते फिलहाल चुनाव स्थगित किया जा रहा है.
कैसे नियुक्त होता है दिल्ली मेयर चुनाव में पीठासीन अधिकारी
- दिल्ली मेयर और डिप्टी मेयर पद पर चुनाव दिल्ली नगर निगम अधिनियम के सेक्शन 77 के तहत होता है.
- सेक्शन 77 (a) के मुताबिक, मेयर-डिप्टी मेयर पद का चुनाव कराने की जिम्मेदारी नियुक्त किए गए पीठासीन अधिकारी की होती है.
- पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति LG दिल्ली करते हैं. इसके लिए तारीख तय होने पर निगम सचिव कार्यालय LG को सूचित करता है.
- निगम सचिव कार्यालय से पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए फाइल निगम आयुक्त कार्यालय को भेजी जाती है.
- निगम आयुक्त कार्यालय इसे दिल्ली शहरी विकास विभाग को भेजता है, जहां से ये फाइल LG ऑफिस भेजी जाती है.
- दिल्ली नगर निगम में अगले मेयर चुनाव के लिए पिछले मेयर को ही पीठासीन अधिकारी तैनात करने की परंपरा रही है.
क्यों हुई है इस बार दिक्कत?
मेयर और डिप्टी मेयर पद के चुनाव के लिए 26 अप्रैल की तारीख तय की गई थी. इसके लिए नोटिफिकेशन जारी होने पर निगम सचिव ने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी. इसके बाद से ही यह बात चल रही थी कि मेयर चुनाव होंगे या नहीं, लेकिन चुनाव आयोग ने बुधवार शाम को इसके लिए अनुमति दे दी थी. इसके बाद चुनाव आयोजित करने के लिए महज गुरुवार का दिन ही बीच में बचा था. गुरुवार को भी पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति शाम तक नहीं होने के कारण ही आम आदमी पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं.
आचार संहिता के कारण जरूरी थी चुनाव आयोग की परमिशन
दिल्ली मेयर चुनाव का चुनाव आयोग से कोई संबंध नहीं होता है, लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण हर चीज पर रोक लग जाती है. ऐसे में बिना चुनाव आयोग की इजाजत के कोई भी राजनीतिक या संवैधानिक आयोजन नहीं हो सकता है. इस कारण ही चुनाव आयोग से मेयर चुनाव कराने की परमिशन मांगी गई थी.
दो बार से AAP जीत रही है मेयर पद का चुनाव
दिल्ली नगर निगम में मेयर पद पर हर साल चुनाव होता है. दिल्ली नगर निगम एक्ट के तहत इस बार मेयर पद पर ST कैंडीडेट का आरक्षण है. पिछले दो बार से मेयर पद के चुनावों में AAP का ही प्रत्याशी जीतता रहा है. पिछली बार शैली ओबराय ने जीत हासिल की थी. आप की निगाह इस बार हैट्रिक लगाने पर है.
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