डीएनए हिंदी: दिल्ली नगर निगम (MCD) अब यूपी सरकार की रास्ते पर चल पड़ी है. यूपी में जैसे धार्मिक स्थलों पर मीट की बिक्री प्रतिबंधित है, ठीक वैसे ही MCD ने भी मीट बिक्री को लेकर नया प्लान तैयार किया है. MCD ने मंगलवार को सदन में 54 प्रस्तावों पारित किए हैं. मांस की दुकानों को लेकर भी एक नई नीति तैयार की है. मांस व्यापारियों के संगठन ने नगर निगम की इस नीति का विरोध किया है. व्यापारियों का कहना है कि अगर नगर निगम नीति को वापस नहीं लेता है तो कोर्ट का रुख करेंगे.
दिल्ली एमसीडी के प्रस्तावित नियमों के मुताबिक मांस की दुकान और धार्मिक स्थल के बीच न्यूनतम 150 मीटर रहेगी. अगर धार्मिक स्थलों से इतनी दूरी बरती जाती है, तभी नई दुकानों को मीट बिक्री का लाइसेंस दिया जाएगा.
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क्या है मांस की दुकानों के लिए नई नीति?
एमसीडी सदन ने संक्षिप्त कार्यवाही के दौरान हंगामे के बीच पारित कर दिया. मंगलवार को सदन में पेश एजेंडे मुताबिक प्रस्तावित नीति मांस की दुकानों, मांस रिफाइनरी यूनिट, पैकेजिंग, स्टोरेज प्लांट और ऐसे अन्य प्रतिष्ठानों के लिए नए लाइसेंस देने या लाइसेंस के नवीनीकरण से संबंधित है. प्रस्ताव में मांस की दुकान और मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा या अन्य धार्मिक स्थलों के बीच न्यूनतम 150 मीटर की दूरी की शर्त लगाई गई है.
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क्या होंगे नए नियम?
अगर आवेदक मस्जिद समिति या इमाम से 'NOC' प्राप्त करता है पोर्क को छोड़कर मस्जिद के आसपास मांस की दुकान खोलने की इजाजत दी जाएगी. आम आदमी पार्टी शासित एमसीडी के अधिकार क्षेत्र में मांस की दुकान की लाइसेंस नीति पशु चिकित्सा सेवा विभाग द्वारा अधिसूचना जारी करने के बाद प्रभावी होगी.
नीति के मुताबिक नगर निकाय के पूर्ववर्ती उत्तर, दक्षिण और पूर्वी निगमों में मांस की दुकानों के लिए लाइसेंस जारी करने के लिए ₹18,000 रुपये और रिफाइनरी यूनिट्स के लिए ₹1.5 लाख रुपये नगर निगम को देने होंगे.
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