ट्रैफिक समस्या के मामले में दुनिया में 11वें नंबर पर Delhi, टॉप 25 शहरों में भारत के 4 शहर शामिल

| Updated: Feb 25, 2022, 10:15 AM IST

राजधानी में ट्रैफिक प्री-कोविड के समय से 23 प्रतिशत तक कम रहा. महामारी के चलते वर्क फ्रॉम होम और लॉकडाउन ने समय-समय पर ट्रैफिक पर गहरा असर डाला.

डीएनए हिंदी: एक ओर भारत विकास की राह पर आगे जा रहा है तो दूसरी ओर सड़कों पर भारी ट्रैफिक जाम तरक्की की राह में बाधक बनता दिख रहा है. हाल की एक रिपोर्ट बताती है कि दुनिया के बड़े शहरों में ट्रैफिक समस्या के मामले में देश की राजधानी दिल्ली का 11वां स्थान है. इस बीच गौर करने वाली बात यह है कि जाम की समस्या खराब सड़कें नहीं बल्कि मॉनसूनी बारिश के चलते देखी गई है.

टॉमटॉम ग्लोबल ट्रैफिक इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में ट्रैफिक जाम वाले टॉप 25 शहरों में भारत के 4 शहर शामिल हैं. इस रिपोर्ट में 58 देशों के 404 शहर के ट्रैफिक का आकलन किया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी में 2021 में ट्रैफिक प्री-कोविड के समय से 23 प्रतिशत तक कम रहा. महामारी के चलते 2020 में वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) और लॉकडाउन (Lockdown) ने समय-समय पर ट्रैफिक पर गहरा असर डाला.

ये भी पढ़ें- Russia-Ukraine War: राहुल गांधी ने छात्रा का वीडियो ट्वीट कर सरकार से की अपील

मॉनसून के दौरान देखा गया सबसे अधिक जाम
2021 में दिल्ली में औसत कंजेशन स्तर शाम के समय 77 प्रतिशत तक रहा तो वहीं सुबह के समय यह औसतन 53 प्रतिशत देखा गया. 2021 में सबसे अधिक जाम 21 अगस्त को दर्ज हुआ. अगस्त मॉनसून का महीना है और उक्त दिन राजधानी में रिकॉर्ड 139 एमएम बारिश हुई थी. इस दिन औसत दिल्ली कंजेशन ने भी नया रिकॉर्ड बनाया और यह 71 प्रतिशत रहा. 

वहीं कोविड की दूसरी लहर के बीच राजधानी में लॉकडाउन के दौरान अप्रैल में कंजेशन का स्तर महज 38 प्रतिशत और मई में महज 15 प्रतिशत रहा. 

ये भी पढ़ें- PM Narendra Modi ने की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात, जानिए यूक्रेन पर क्या कहा

क्या होता है कंजेशन लेवल?
दरअसल एक व्यक्ति को अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचने के लिए जितना समय लगना चाहिए, जब उसे अधिक समय लगता है तो उसे कंजेशन लेवल कहते हैं. कंजेशन स्तर अगर 30 प्रतिशत है तो इसका मतलब यह है कि व्यक्ति को अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचने के लिए 30 प्रतिशत अधिक समय लग रहा है.