डीएनए हिंदी: दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़े विधेयक 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023' को लोकसभा ने पारित कर दिया है. गुरुवार को इस बिल पर हुई लंबी चर्चा और इसमें सभी राजनीतिक दलों के सांसदों के शामिल होने के बाद विपक्षी दलों के वॉक आउट के बीच लोकसभा ने ध्वनिमत से इस बिल को पास कर दिया. बिल को पारित करने के दौरान आम आदमी पार्टी सांसद सुशील कुमार रिंकू द्वारा वेल में आकर कागज फाड़कर आसन पर फेंकने के कारण उन्हें मानसून सत्र की बची हुई अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है. आप सांसद के व्यवहार के कारण स्पीकर ने उन्हें नामित किया, संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने निलंबन का प्रस्ताव रखा और उसे सदन ने मंजूर कर दिया.
निलंबित होने के बाद AAP सांसद सुशील कुमार रिंकू ने कहा कि जब निर्वाचित सरकार की शक्तियां गैर-निर्वाचित और नौकरशाहों को दी जाती हैं तो यह एक तरह से संविधान का अपमान है. अदालत तय करेगी कि कौन भ्रष्ट है और कौन नहीं? मुझे इस बात का अफसोस नहीं है कि लोगों के लिए आवाज उठाने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए मुझे निलंबित कर दिया गया.
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निलंबन पर क्या बोले सुशील कुमार रिंकू?
आम आदमी पार्टी के सुशील कुमार रिंकू ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार बिजली मुफ्त दे रही है, शिक्षा व्यवस्था बेहतर करती है, स्वास्थ्य सेवा बेहतर बनाती है. उन्होंने कहा कि इस सदन में दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए अनेक अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने कहा कि लोगों के लिए अच्छे फैसले करना है तो ऐसा मुख्यमंत्री जरूर चाहिए. यह विधेयक संघीय ढांचे को बर्बाद कर देगा और बाबासाहेब आंबेडकर की सोच को नष्ट कर देगा.
दिल्ली सर्विस बिल पर चर्चा के दौरान किसने क्या कहा?
-रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एनके प्रेमचंद्रन ने आरोप लगाया कि यह विधेयक असंवैधानिक है और इसमें संघीय ढांचे पर प्रहार किया गया है. उन्होंने कहा कि इससे राज्य विधानसभा के अधिकारों पर अंकुश लगाया जा रहा है और इस विधेयक के माध्यम से ब्यूरोक्रेसी को डेमोक्रेसी पर हावी किया जा रहा है.
-राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने कहा कि बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में दिल्ली को पूर्णराज्य का दर्जा देने की बात की थी, उसका क्या हुआ.
- चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के शशि थरूर ने कहा कि यह सहकारी संघवाद के खिलाफ है और मनोनीत लोगों के माध्यम से निर्वाचित लोगों पर हावी होने वाला है. राकांपा की सुप्रिया सुले ने कहा कि यह देश के संघीय ढांचे पर प्रहार है और दिल्ली की चुनी गई सरकार के अधिकारों को कम करने वाला है.
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