डीएनए हिंदी: दिल्ली (Delhi) में एक सेक्सटॉर्शन (Sextortion) रैकेट पर पुलिस ने शिकंजा कसा है. इस रैकेट को ऑपरेट करने में दो पुलिसकर्मियों (Delhi Police) की भूमिका भी सामने आई है. एक हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल की मिलीभगत से सेक्सटॉर्शन रैकेट चलाया जा रहा था. डेटिंग ऐप के जरिए लड़कों को फंसाया जा रहा था. रैकेट में शामिल पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है, जिनकी पहचान निहाल विहार थाने में तैनात कांस्टेबल अंकित और PCR यूनिट में तैनात हेड कांस्टेबल मुकेश के तौर पर हुई है. दोनों ने किराए पर एक कमरा लिया था, जहां लड़की पीड़ित लड़के को लेकर आती थी और बाद में उससे पैसे वसूलते थे.
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कैसे हुआ सेक्सटॉर्शन रैकेट का खुलासा?
17 अप्रैल को उन्हें 2 पुलिसकर्मियों की ओर से जबरन वसूली के संबंध में एक पीसीआर कॉल मिली. कॉल मिलने के बाद गुरुग्राम निवासी पीड़िता की गवाही दर्ज करने के लिए एक टीम भेजी गई.
पीड़ित घबरा गया था. वह अपने तीन दोस्तों के साथ था. उसने पुलिस को बताया कि वह डेटिंग ऐप बंबल के जरिए एक लड़की से मिला था. दोनों एक हफ्ते से संपर्क में थे. लड़की उसे एक कमरे में ले गई जहां उससे 27,000 रुपये जबरन वसूले.
पुलिस ने ऐसे बिछाया है जाल
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, लड़की ने 16 अप्रैल को पांडे को पीरा गढ़ी चौराहे पर मिलने के लिए बुलाया. बाद में लड़की उसे निहाल विहार के शिवराम पार्क में ई-रिक्शा से अपने कमरे में ले गई, जिसे कथित तौर पर किराए पर लिया गया था.
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आरोपी पुलिसकर्मी जब कमरे में पहुंचे तो सारा माजरा खुला. उन्होंने लड़के से कहा कि उन्हें एक पीसीआर कॉल मिली है कि उसने लड़की के साथ कुछ गलत किया है. पीड़ित को धमकी दी गई थी कि उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से चल रहा था धंधा
आरोपी पुलिसकर्मियों ने पीड़िता से 27 हजार रुपये ले लिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने लड़के को यह भी धमकी दी कि वह इस घटना के बारे में किसी को न बताए, नहीं तो वे उसे झूठे बलात्कार के मामले में फंसा देंगे. पूछताछ में यह भी पता चला कि दोनों पुलिसकर्मी इस मामले में शामिल लड़की के संपर्क में थे. (इनपुट: IANS)
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