डीएनए हिंदी: Delhi Air Pollution Updates- हरियाणा और पंजाब के खेतों में धान की पराली जलाने में बढ़ोतरी के साथ ही दिल्ली में दमघोंटू हवा का आगाज हो गया है. शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (Delhi AQI) बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया. हालात के और बिगड़ने की संभावना देखते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली-NCR के वायु प्रदूषण (Delhi NCR Air Pollution) पर बड़ा फैसला ले लिया है. दिल्ली-NCR में शनिवार से ही वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए GRAP (Graded Response Action Plan) का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है. इसके चलते राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में कई तरह के प्रतिबंध लागू हो गए हैं. ये प्रतिबंध क्या है और ग्रैप-2 के दौरान क्या-क्या बंद हो जाएगा, इस बारे में हम आपको बताते हैं.
पहले जान लीजिए कितनी खराब है हवा की स्थिति
दिल्ली में शनिवार को एक बैठक आयोजित की गई. इसमें केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Air Quality Managment Commission) के अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अधिकारियों ने भाग लिया. AQM ने मीटिंग में बताया कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर 248 पर आंका गया है, जो खराब श्रेणी में आता है. एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि जिस तेजी से हवा में प्रदूषण बढ़ा है, उसे देखते हुए 23 या 24 अक्टूबर को एयर क्वालिटी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच जाएगी. तब AQI लेवल 301 से 400 के बीच में रहेगा. ऐसा होने पर लोगों के लिए दम घुटने जैसी स्थिति बन जाएगी. खासतौर पर सांस की बीमारी से परेशान लोगों को बेहद कष्ट का सामना करना होगा. इसी कारण आयोग ने GRAP का दूसरा चरण लागू करने का निर्देश दिया है.
क्या है GRAP
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी GRAP दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए तैयार की गई व्यवस्था है. इसे अलग-अलग चार चरण में बांटा गया है. हर चरण में अलग-अलग तरह के प्रतिबंध हैं, जो वायु प्रदूषण को कम करने के लिए लागू किए जाते हैं. पहले चरण में हल्के प्रतिबंध होते हैं, जबकि चौथे चरण में बेहद सख्त प्रतिबंध लगाए जाते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो चौथा चरण लागू होने पर एक तरीके से आम जिंदगी पूरी तरह थम जाती है ताकि वाहनों का आवागमन कम हो और हवा में धुएं के प्रदूषण में कमी आए.
क्यों लागू किया जाता है GRAP
GRAP को हर साल सर्दी के सीजन की शुरुआत के साथ ही दिल्ली-NCR में लागू किया जाता है. यह वो वक्त होता है, जब हरियाणा-पंजाब में किसान धान की फसल कटने के बाद बची पराली को जलाकर खेत खाली करते हैं. इससे बड़े पैमाने पर हवा में कार्बन पराली के धुएं के साथ उड़ता है, जो सर्द मौसम की शुरुआत के कारण हवा में बनी नमी को संगठित कर कोहरे तथा स्मॉग में बदलने लगता है. साथ ही यह कार्बन सांस के साथ लोगों के फेफड़ों के अंदर भी जाता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ समेत कई अन्य परेशानियां सामने आती हैं. ऐसे में GRAP के प्रतिबंधों के जरिये दिल्ली में सड़कों पर वाहनों की संख्या घटाकर, ज्यादा धुआं फेंकने वाली फैक्ट्रियों और बड़े-बड़े डीजल जनरेटर आदि को बंद कराकर प्रदूषण का स्तर संतुलित किया जाता है.
इस बार GRAP-2 के तहत लगे हैं ये प्रतिबंध
- दिल्ली-NCR में पार्किंग शुल्क बढ़ेगा, ताकि लोग निजी कारों आदि के बजाय मेट्रो-बस जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का ज्यादा इस्तेमाल करे.
- सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सुविधाजनक बनाने के लिए दिल्ली-NCR में मेट्रो ट्रेन और इलेक्ट्रिक बसों के फेरे भी बढ़ा रही है.
- दिल्ली-NCR की सड़कों पर पड़ी धूल के कणों को हवा में उड़ने से रोकने के लिए जगह-जगह पानी का छिड़काव करने के भी निर्देश हैं.
- दिल्ली के 300 किमी के इलाके में वायु प्रदूषण वाली इंडस्ट्रीज व पॉवर प्लांट के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
- होटल, रेस्टोरेंट व अन्य खाने-पीने की जगह पर तंदूर में कोयला या जलावन लकड़ी के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.
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