Delhi में ठंड ने तोड़ा 9 सालों का रिकॉर्ड, अभी जारी रहेगी कड़ाके की सर्दी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 26, 2022, 01:36 PM IST

Delhi records lowest temperature of the season

मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान के 14 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा. आने वाले दिनों में भी कड़ाके की ठंड जारी रहेगी.

डीएनए हिंदी: देश के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में सर्दी का सितम जारी है. दिल्ली में ठंड ने पिछले 9 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मौसम विभाग (IMD) ने अनुमान जताया है कि दिल्ली (Delhi) में आने वाले दिनों में शीतलहर जारी रहेगी. मौसम विभाग के मुताबिक 2013 के बाद इस साल दिल्ली में इतनी भयंकर ठंड पड़ी है. इससे पहले बारिश का रिकॉर्ड भी टूटा था. 1901 के बाद इस साल जनवरी में सबसे अधिक बारिश हुई है.   

मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान के 14 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा. दृश्यता (Visibility) 1,000 से 1,500 मीटर के बीच रह सकती है. दिल्ली में मंगलवार को जनवरी का सबसे ठंडा दिन था. अधिकतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री कम 12.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.

तीन जनवरी 2013 को अधिकतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस रहा था. मौसम विभाग के मुताबिक दिन में न्यूनतम तापमान के 10 डिग्री सेल्सियस से कम होने और अधिकतम तापमान के सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम होने पर उसे ठंडा दिन माना जाता है. अधिकतम तापमान के सामान्य से कम से कम 6.5 डिग्री कम होने पर उसे बेहद ठंडा दिन माना जाता है. 

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जनवरी के 11 दिन रहे बेहद ठंड

IMD के मुताबिक जनवरी में अभी तक छह 'ठंडे दिन' दर्ज किए गए हैं, जो कम से कम एक दशक में सर्वाधिक है. मौसम विभाग के सीनियर वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने बताया कि दिल्ली में इस महीने 11 दिन अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया है, जो 2015 में ऐसे दिनों की संख्या के बराबर है.

क्यों सर्द रहा है मौसम?

2003 में ऐसा 18 बार हुआ था. जनवरी के दूसरे सप्ताह से अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहा है. अधिकतम सामान्य के पास या उससे अधिक रहा. स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत के अनुसार, दिल्ली में इस साल जनवरी में सात पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव देखने को मिला जबकि सामान्य तौर पर एक महीने में ऐसा तीन से चार बार होता है. महेश पलावत का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बारिश से हवा में नमी बढ़ गई, जिससे अधिकतर दिनों में कम तापमान के साथ कोहरा छाया रहा.

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