डीएनए हिंदी: दिल्ली से हिमाचल प्रदेश के मनाली तक का सफर बेहद ही आसान और समय के मामले में किफायती साबित होने वाला है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के चंडीगढ़ के कीरतपुर-नेरचौक-मनाली फोरलेन (Kiratpur-Nerchowk-Manali Fourlane) प्रोजेक्ट का काम तेजी से जारी है. इसका काम अंतिम चरण है और इसके ओपेन होने के बाद वाहन 100 की स्पीड से दौड़ेंगी और साथ ही सफर का समय भी 3 घंटे कम हो जाएगा.
बता दें कि जल्द ही इस हाईवे का निर्माण पूरा हो जाएगा और इसके जरिए हिमाचल में पर्यटन को बढ़ावा मिलने वाला है. इस हाईवे को लेकर हिमाचल सरकार ने हाल ही में केंद्रीय सड़क निर्माण मंत्रालय को चिट्टी भी लिखी थी और नितिन गडकरी या पीएम मोदी से फोरलेन के उद्गघाटन करने वाले के लिए पत्र लिखा था. जानकारी के मुताबिक उद्घाटन के बाद इस हाईवे के पहले चरण में कीरतपुर से नेरचौक तक का ही स्ट्रैच को यात्रियों के लिए खोला जाएगा.
वोट डालने की अपील पर घिरे पीएम मोदी, कांग्रेस ने EC से की शिकायत, क्या हो सकता है उनके खिलाफ एक्शन?
हाईवे से क्या होगा बड़ा फायदा
इस हाईवे के निर्माण के बाद होने वाले हाईवे की बात करें तो कीरतपुर-नेरचौक-मनाली फोरलेन से चंडीगढ़ से मनाली की दूरी 47 किमी कम हो जाएगी. इतना ही नहीं दिल्ली से मनाली का सफर 12 घंटे में नहीं बल्कि 9 घंटों में पूरा हो जाएगा. इसके अलावा अब चंडीगढ़ से मनाली का सफर 9 के बजाए 6 घंटे में पूरा होगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक कीरतपुर से मनाली की दूरी 237 किमी है और इसका समूचा निर्माण साल जून 2024 में पूरा होगा. हालांकि इस के कुछ हिस्सों को अगले महीने ही खोल दिया जाएगा.
हाईवे के रास्ते में 14 टनल
केंद्र सरकार का यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाने के बाद चंडीगढ़ से मनाली का सफर मजेदार हो जाएगा. सफर के दौरान मनाली तक 14 टनलों से होकर लोग गुजरेंगे. वहीं आपको झीलों और नदी-नालों पर कई रोमांचक फ्लाईओवर देखने को मिलेंगे. इस मामले में प्रोजेक्ट के अधिकारी वरूण चारी ने बताया कि 14 टनलों में सबसे लंबी टनल की लंबाई 2.8 किमी जबकि सबसे छोटी टनल की लंबाई 465 मीटर है. 14 में से 5 टनलों को इसी महीने के अंत तक खोला जाएगा.
बिना इजाजत कैंपस में न आएं राहुल गांधी, कांग्रेस नेता को चेतावनी भेज सकता है DU
कई जगह पर निर्माण कार्य में हुई दिक्कत
प्रोजेक्ट के अधिकारी वरूण चारी ने जानकारी दी है कि बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट में सबसे कठिन कार्य पंडोह से औट तक का निर्माण कार्य रहा, जहां एक तरफ ब्यास नदी थी और दूसरी तरफ खड़े पहाड़ मौजूद थे. अधिकारियों ने बताया है कि इस काम में काफी समय लगा था. यहां सड़क के उपर फ्लाईओवर बनाकर सड़क बनाई गई है. वहीं ये लैंडस्लाइड प्रोन्ड एरिया है, जबकि किसी भी समय पहाड़ दरकता रहता है जिसके चलते सभी मानकों को ध्यान में रखकर हाईवे का निर्माण किया गया है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.