Delhi Water Crisis: दिल्ली की लाइफलाइन कहलाने वाली मुनक नहर की पटरी बवाना इलाके में कई जगह टूट गई है. पटरी टूटने के कारण नहर का पानी जेजे कॉलोनी बवाना के रिहायशी इलाकों में भर गया है, जिससे वहां बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. साथ ही नहर टूटने के कारण दिल्ली की जल आपूर्ति भी प्रभावित होना तय माना जा रहा है. इससे राष्ट्रीय राजधानी में एक बार फिर जल संकट के हालात बन सकते हैं. बता दें कि मुनक नहर के पानी से रोजाना दिल्ली के करीब 30 लाख लोगों को पेयजल सप्लाई की जाती है. इसमें राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट समेत कई देशों के दूतावासों को होने वाली सप्लाई भी शामिल है. हालांकि दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) के पूर्व अध्यक्ष व राज्य सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि मुनक नहर की टूटी हुई पटरी को जल्द से जल्द ठीक कराने की कोशिश चल रही है. इसके लिए जल बोर्ड के अधिकारी मौके पर जुटे हुए हैं.
आधी रात को टूटी नहर की पटरी
हरियाणा से मुनक नहर का पानी दिल्ली लाने वाले CLC की पटरी बवाना के पास बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात को 12 बजे से 2 बजे के बीच अचानक टूट गई. इससे नहर का पानी तेजी से बवाना जेजे कॉलोनी में भर गया और पूरा इलाका थोड़ी देर में ही कई फुट पानी में डूब गया. लोगों के घरों में भी पानी भर गया, जिससे घरों में सो रहे लोगों को रात छतों पर बितानी पड़ी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह तक सारी कॉलोनी कमर तक पानी में डूब चुका था.
पानी में डूबकर गए एग्जाम देने और ऑफिस
जेजे कॉलोनी में रहने वाले लोगों को हर तरफ पानी भर जाने के कारण बेहद मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. एकतरफ लोग खाने-पीने का सामान लाने के लिए घरों से नहीं निकल सके. दूसरी तरफ, एग्जाम देने के लिए जाने वाले छात्रों और ऑफिस जा रहे लोगों को मजूबरी में कई किलोमीटर तक कई-कई फुट पानी में डूबकर गुजरना पड़ा.
पीने के पानी की शुरू हुई किल्लत, VVVIP इलाके भी होंगे प्रभावित
करीब 102 किलोमीटर लंबी मुनक नहर के जरिये दिल्ली को हरियाणा से यमुना नदी का रोजाना 750 क्यूसेक पानी मिलता है. इस पानी से हैदरपुर-1, हैदरपुर-2, बवाना, नांगलोई और द्वारका वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को सप्लाई मिलती है, जहां से इसे ट्रीटमेंट के बाद उत्तरी, दक्षिणी और मध्य दिल्ली के बड़े इलाके में घरों को सप्लाई किया जाता है. एक आकलन के हिसाब से मुनक नहर के जरिये रोजाना दिल्ली के करीब 30 लाख लोगों की प्यास बुझती है. इनमें उत्तरी और पश्चिमी दिल्ली समेत सेंट्रल, साउथ, नई दिल्ली, राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट, कई दूतावास जैसे VVVIP इलाके भी शामिल हैं. इस कारण नहर की पटरी टूटने का असर एक बड़े इलाके की पेयजल सप्लाई पर पड़ना तय माना जा रहा है. इसका असर गुरुवार सुबह ही दिखने लगा, जब कई इलाकों में घरों के नलों में पानी का पूरा प्रेशर नहीं आया.
क्या कह रही है राज्य सरकार
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा,'हमें हरियाणा से पानी लेकर बवाना आने वाले CLC का तटबंध रात में टूटने की जानकारी मिली थी. दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी वहां हैं. मैंने बाढ़ विभाग के चीफ इंजीनियर से वहां जाने के लिए कहा है. यदि बाढ़ विभाग जल बोर्ड की मदद करेगा तो हम इसे जल्द ठीक कर लेंगे.'
2012 में बनकर तैयार हुई थी मुनक नहर, पिछले साल भी टूटी
दिल्ली को यमुना नहर के पानी का हिस्सा देने के लिए हरियाणा सरकार ने 2003 में मुनक नहर का निर्माण शुरु किया था, जो 2012 में पूरा हुआ था. करनाल जिले से शुरू होकर खूबरू और मंडोरा बैराज से होते हुए 102 किलोमीटर का सफर तय करते हुए दिल्ली के हैदरपुर पहुंचती है. पिछले साल जून में भी सोनीपत जिले के बडवासनी गांव के पास मुनक नहर की पटरी टूट गई थी. उस समय भी दिल्ली की जनता को कई दिन तक जल संकट से जूझना पड़ा था.
(ANI व शिवांक मिश्रा के इनपुट के साथ)
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