Delhi Water Crisis: हिमाचल ने दिखाया राजधानी को ठेंगा, सुप्रीम कोर्ट से बोला- नहीं दे सकता दिल्ली को पानी

कुलदीप पंवार | Updated:Jun 13, 2024, 03:28 PM IST

Delhi Water Crisis: राजधानी में जल संकट के कारण वाटर टैंकर के जरिये पानी की सप्लाई करनी पड़ रही है. (फोटो-PTI)

Delhi Water Crisis: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बुधवार को दिल्ली के लिए पानी छोड़ने का दावा किया था. साथ ही कहा था कि इसमें किसी भी तरह का कोई सवाल नहीं है.

Delhi Water Crisis: एकतरफ भीषण गर्मी के बीच दिल्ली में जल संकट भयानक स्तर पर पहुंच गया है. लोग वाटर टैंकर से पानी लूटने तक की कोशिश कर रहे हैं. दूसरी तरफ, हिमाचल प्रदेश ने गुरुवार को दिल्ली की परेशानी और बढ़ा दी. एक दिन पहले तक दिल्ली के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत पानी छोड़ने का दावा कर रहे हिमाचल ने अचानक अपने पास अतिरिक्त पानी होने से इंकार कर दिया है. हिमाचल के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वे दिल्ली को 137 क्यूसेक पानी नहीं दे पाएंगे. हिमाचल प्रदेश के इस यूटर्न से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव के खिलाफ अदालती अवमानना की कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. साथ ही अपर रिवर यमुना बोर्ड के इस समस्या का हल निकालने का आदेश दिया है.


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सुप्रीम कोर्ट ने दिया था यह आदेश

राष्ट्रीय राजधानी में भीषण जल संकट पैदा होने के कारण आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने हरियाणा-यूपी से पानी दिलाने की गुहार सुप्रीम कोर्ट से लगाई थी. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को 137 क्यूसेक पानी दिल्ली के लिए रिलीज करने का आदेश दिया था. साथ ही हरियाणा को यह पानी बिना किसी बाधा के दिल्ली तक पहुंचने देने के आदेश दिया था. कोर्ट ने यह आदेश देते हुए कहा था कि दिल्ली में पीने के पानी की समस्या बड़ा संकट बन गई है, जिसका निदान जरूरी है.


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क्या कहा था हिमाचल ने बुधवार को

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को कहा था कि राज्य दिल्ली के लिए पानी रिलीज कर रहा है. उन्होंने मीडिया से कहा था कि हमने पानी छोड़ दिया है. हमने वकीलों से सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी देने के लिए कहा है. हम उन्हें (दिल्ली को) पानी देने के लिए तैयार हैं. इसमें कोई सवाल नहीं है.

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में ये बोला हिमाचल

हिमाचल सरकार के वकील ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में मुख्यमंत्री सुक्खू के बयान के विपरीत जानकारी दी है. उन्होंने कोर्ट से कहा कि खेती में उपयोग और नदियों में प्राकृतिक बहाव के लिए आवश्यक पानी छोड़ने के बाद हमारे पास 137 क्यूसेक पानी ही बचता है. हम पहले इसे सही तरीके से नहीं बता सके थे. हमारा सही बयान रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए. हो सकता है हम पहले गलती कर गए थे, लेकिन मुझे अभी इस बारे में बताया गया है. मैं इसे सही करूंगा और पिछले बयान को वापस लूंगा.

कोर्ट हुआ नाराज, दी है ये चेतावनी

हिमाचल प्रदेश के इस यू-टर्न से सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया है. बेंच ने कहा,'हम आप पर अवमानना की कार्रवाई कर सकते हैं और आपके चीफ सेक्रेट्री को समन जारी कर सकते हैं. इस पर हिमाचल सरकार के वकील ने कोर्ट से माफी मांगी और कहा कि वे कोर्ट में एफडेविट दाखिल करेंगे. इस पर कोर्ट ने अपर रिवर यमुना बोर्ड को इस समस्या का हल निकालने का आदेश दिया है. इससे पहले बोर्ड ने कहा था कि कोर्ट के 6 जून के आदेश का पालन करते हुए हिमाचल प्रदेश को दिल्ली के लिए 137 अतिरिक्त पानी रिलीज कर देना चाहिए.

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