नोटबंदी में मोदी सरकार ने पकड़े 900 करोड़ रुपये और 8 हजार करोड़ की अघोषित संपत्ति, ITR में भी हुई बढ़ोतरी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 24, 2023, 07:05 AM IST

Representative Image

Demonetisation Effects: मोदी सरकार ने साल 2016 में नोटबंदी की थी. अब पता चला है कि केंद्र सरकार को इस फैसले से कितने फायदे हुए.

डीएनए हिंदी: साल 2016 में 8 नवंबर को अचानक से 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया गया था. इस घटना को नोटबंदी का नाम मिला. अब वित्त मंत्रालय के सूत्रों से जानकारी मिली है कि नोटबंदी के बाद नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने कुल 900 करोड़ रुपये नकद और 8 हजार करोड़ रुपयों की अघोषित संपत्ति जब्त की. इतना ही नहीं, नोटबंदी के बाद इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में 25 प्रतिशत का जबरदस्त इजाफा भी देखने को मिला. इसका फायदा सरकार को मिलने वाले टैक्स में भी देखा गया. 

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, नवंबर 2016 और मार्च 2017 के बीच नोटबंदी के बाद 900 करोड़ रुपये की जब्ती हुई, जिसमें 636 करोड़ रुपये की नकदी और आयकर विभाग द्वारा चलाए गए तलाशी और जब्ती अभियानों के जरिए करीब 7,961 करोड़ रुपये की अघोषित आय शामिल है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, नोटबंदी से न केवल काले धन का पता चला, बल्कि इससे टैक्स कलेक्शन में भी बढ़ोतरी हुई और टैक्स बेस का विस्तार हुआ.

यह भी पढ़ें- सबसे बड़ा वादा निभाएंगे तेजस्वी यादव, बिहार में 3 लाख सरकारी टीचर्स की भर्ती का रास्ता साफ

सरकार को हुआ जबरदस्त फायदा
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, नोटबंदी की कवायद के बाद जब सरकार ने 8 नवंबर, 2016 की शाम को अचानक 9 नवंबर की आधी रात से 500 और 1,000 मूल्यवर्ग के करेंसी नोटों को बंद करने की घोषणा की तो उसके बाद टैक्स कलेक्शन में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई, जो पिछले सात वित्तवर्षो में सबसे ज्यादा थी. वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, डीमोनेटाइजेशन के सकारात्मक प्रभाव के कारण देश में कर अनुपालन में वृद्धि हुई, क्योंकि 2017-18 के दौरान, व्यक्तिगत आयकर एडवांस टैक्स कलेक्शन में 23.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई जबकि 2016-17 में व्यक्तिगत आयकर स्व-मूल्यांकन कर में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

यह भी पढ़ें- मजदूरों को कोयले में मिला 'हीरा' तो लेकर हुए फरार, जानिए क्या है सच

सूत्रों ने कहा कि इससे पता चलता है कि नोटबंदी का गैर-कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत करदाताओं के स्वैच्छिक टैक्स पेमेंट पर बड़ा प्रभाव पड़ा. इसके अलावा, 2017-18 के दौरान दाखिल किए गए आयकर रिटर्न (आईटीआर) की संख्या में 25 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की गई, जो पिछले पांच वर्षों में हासिल की गई उच्चतम दर थी. 2016-17 के दौरान 85.51 लाख की तुलना में 2017-18 के दौरान नए आईटीआर फाइलर करने वालों की संख्या लगभग 1.07 करोड़ थी.

2017-18 के दौरान कॉर्पोरेट करदाताओं द्वारा दायर रिटर्न की संख्या में 17.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई. यह 2016-17 में 3 प्रतिशत और 2015-16 में 3.5 प्रतिशत की विकास दर से पांच गुना अधिक था.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Notebandi Demonetisation Demonetisation Impact Demonetisation Date