डीएनए हिंदी: Health News- दवा बनाने का लाइसेंस लेकर आपकी जिंदगी के साथ खुलकर खिलवाड़ हो रहा है. दवा कंपनियों ने जिंदगी बचाने वाली दवाइयों की खराब व नकली क्वालिटी देकर इसे 'लाइसेंस टू किल' में बदल दिया है. ऐसी कंपनियों के खिलाफ लगातार शिकायतों के बाद अब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General of India) सक्रिय हो गया है. देश के 20 राज्यों में 76 दवा कंपनियों की जांच करने के बाद DGCI ने बड़ी कार्रवाई की है. PTI के मुताबिक, DGCI ने 18 कंपनियों के मेडिसिन मेन्युफेक्चरिंग लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. इन कंपनियों को तत्काल दवा निर्माण बंद करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन व फ्लिपकार्ट को भी ऑनलाइन दवा बेचने के लिए DGCI ने नोटिस जारी किया है.
203 कंपनी की हैं चिह्नित, 26 से मांगा है जवाब
DGCI सूत्रों के मुताबिक, फार्मा कंपनियों के खिलाफ यह अभियान पूरे देश में पिछले 15 दिन के दौरान चलाया गया है. इस दौरान 203 कंपनियों को चिह्नित किया गया है. इनमें हिमाचल प्रदेश की 70, उत्तराखंड की 45 और मध्य प्रदेश की 23 कंपनियों के दवा उत्पादन पर संदेह है. पहले फेज में 18 कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं, जिनमें 3 कंपनियों के कुछ उत्पादों को बनाने पर रोक लगाई गई है. 26 दवा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है यानी इन पर भी कार्रवाई हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक, टेस्टिंग के दौरान 2-3% दवाओं के सैंपल फेल हो रहे हैं यानी वे नकली या खराब क्वालिटी की होती हैं.
अमेजन-फ्लिपकार्ट को ड्रग्स एक्ट के तहत नोटिस
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेजन और फ्लिपकार्ट को भी DGCI ने नोटिस भेजा है. यह नोटिस ऑनलाइन दवा बेचने के लिए ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 के तहत अमेजन-फ्लिपकार्ट समेत 20 कंपनियों को दिया गया है. इस नोटिस में कोर्ट की तरफ से कई बार ऑनलाइन दवा बेचने पर रोक लगाने के बावजूद यह काम करने का कारण पूछा गया है. साथ ही कहा गया है कि इसके लिए उन पर कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.