डीएनए हिंदी: झारखंड (Jharkhand) में अवैध खनन (Illegal mining) का कारोबार जारी है. धनबाद (Dhanbad) जिले के निरसा में सोमवार रात तीन खदानों में अवैध कोयला खनन के दौरान मलबा धंस जाने से बड़ा हादसा हो गया. हादसे में 4 महिलाओं समेत 5 लोगों की मौत हुई है. 12 से ज्यादा लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है.
पुलिस (Police) ने भी कहा है कि कोयला खदान में 12 से ज्यादा लोग अब भी दबे हो सकते हैं. मंगलवार को गोपीनाथपुर की खदान से चार महिलाओं समेत पांच लोगों के शवों को निकाला गया है. शवों की हालत ऐसी है कि उनकी पहचान नहीं की जा सकी है. पुलिस और बचावकर्मियों की टीम घटनास्थल पर है. राहत और बचाव कार्य तेजी से किए जा रहे हैं.
पुलिस के मुताबिक पहली दुर्घटना ईसीएल की कापासाड़ा खदान में रविवार शाम को हुई थी. दूसरी दुर्घटना भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) की चाच विक्टोरिया खदान में रात में हुई जबकि तीसरी दुर्घटना सोमवार सुबह गोपीनाथपुर की खदान में हुई. पुलिस की एक समिति पूरे प्रकरण की जांच कर रही है.
UP Election 2022: BJP ने काटा मंत्री स्वाति सिंह का टिकट, जारी की 17 और उम्मीदवारों की लिस्ट
हादसे की जांच के लिए टीम गठित
धनबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार ने बताया कि ग्रामीण पुलिस अधीक्षक रेशमा के नेतृत्व में विशेष जांच दल का गठन किया गया है जो मामले की जांच कर रहा है. उन्होंने बताया कि राहत बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है लेकिन खदानों में फंसे लोगों के बारे में ठीक-ठीक कुछ नहीं कहा जा सकता है. तीनों खदानें खनन के बाद खाली छोड़ दी गयी हैं और वहां अवैध रूप से खनन किया जा रहा था.
जारी है कोयला माफियाओं की दहशत
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मंगलवार सुबह दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे. इस दौरान अवैध कोयला खनन कराने वाले माफिया ने लोगों को वहां से भगा दिया. घटना की सूचना मिलने के बाद ईस्टर्न कोल लिमिटेड (ECL) की तरफ से पोकलेन मशीनों को भेजा गया था लेकिन माफियाओं ने उन्हें भी काम नहीं करने दिया.
कई लोगों के दबे होने की आशंका
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक जब मौके पर पुलिस पहुंची उसके बाद ही राहत और बचाव कार्य शुरू किया जा सका. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक तीनों खदानों में हुई दुर्घटना में अभी भी दर्जन भर से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है.
क्यों पहचान जाहिर नहीं कर रहे हैं परिजन?
अपुष्ट सूत्रों के अनुसार मलबे में दो से तीन दर्जन लोग भी दबे हो सकते हैं. खदानों में अवैध खुदाई हो रही थी लिहाजा जिन परिवारों के लोग लापता हैं या खदानों में फंसे हुए हैं वे खुल कर सामने नहीं आ रहे हैं. यही वजह है कि उनकी सही संख्या का पता नहीं चल पा रहा है.
यह भी पढ़ें-
अकेले कार चलाते वक्त मास्क लगाने का दिल्ली सरकार का आदेश बेतुका: Delhi High Court
Budget 2022-23: महाभारत का श्लोक पढ़ा, विपक्ष के विरोध पर मौन, बोमकाई साड़ी...ये भी रह गए याद