DNA Exclusive: बिहार BJP प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल बोले -मेरा अध्यक्ष बनना कई लोगों के मुंह पर करारा तमाचा

Written By पूजा मेहरोत्रा | Updated: Jul 29, 2024, 06:29 AM IST

बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल

Bihar BJP state president Dilip Jaiswal: भारतीय जनता पार्टी बहुत सारी चीजों का मूल्यांकन करके ही आजकल कोई फैसला लेती है. मुझे लगता है मेरे इतने लंबे समय तक के काम और क्षमता को देखते हुए यह मौका प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह जिम्मेदारी सौंपी है.

Bihar BJP state president Dilip Jaiswal:बिहार विधानसभा चुनाव के महज कुछ महीने पहले भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में बड़ा फेरबदल करते हुए बिहार सरकार में भूमि एवं राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल को प्रदेशाध्यक्ष की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. 
दिलीप इस समय को चुनौती वाला और कांटों से भरा ताज और अग्निपरीक्षा का समय मानते हैं. डीएनए हिंदी से विशेष बातचीत में कहते हैं,' बहुत चुनौती वाला काम है और यह कांटों का ताज है.'

वह आगे कहते हैं कि, 'यह मेरे लिए अग्निपरीक्षा का भी समय है.'
 
वह भगवान से प्रार्थना करते हुए कहते हैं कि मैं इस जिम्मेवारी को ईमानदारी के साथ निभा सकूं. वह केंद्रीय नेतृत्व को धन्यवाद देते हुए यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि वह उन्हें बिल्कुल निराश नहीं करेंगे.   


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'मैं लो प्रोफाइल आदमी हूं'

बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं और एनडीए हो या फिर इंडिया ब्लॉक इस चुनाव को लेकर सभी दलों के बड़े बयान सामने आ रहे हैं. इसी बीच बिहार  भाजपा में भारी फेर बदल कर सम्राट चौधरी को प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटाते हुए दिलीप जायसवाल को यह जिम्मेदारी सौंपी है.

पार्टी पर आरोप लग रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी जाति की राजनीति कर रही है और लोकसभा चुनाव से सबक लेते हुए वैश्य समुदाय से आने वाले जायसवाल को अपना प्रदेशा अध्यक्ष बनाया है. क्योंकि सम्राट चौधरी से कुशवाहा वर्ग नाराज होकर पार्टी से छिटक गया है. हालांकि खबर यह भी है कि सम्राट चौधरी से प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का छत्तीस का आंकड़ा चल रहा था ऐसे में एक ऐसे नेता को पार्टी ने अपना अध्यक्ष बनाया है जिसकी नीतीश कुमार से काफी अच्छी बनती है. वह कहते हैं,  'दिलीप जायसवाल का दूसरा नाम समन्वय है, यानी कोऑर्डिनेशन.'  

हालांकि वह जाति को लेकर पूछे गए सवाल को सिरे से नकार देते हैं और कहते हैं कि 'मैं इसे नहीं मानता हूं.' वह खुद को जाति की राजनीति से ऊपर बताते हुए कहते हैं , 'दिलीप जायसवाल की छवि इन सभी चीजों से ऊपर है.'

वह कहते हैं कि' पिछले 20 वर्षों से जिस क्षेत्र से मैं जीत कर आ रहा हूं वहा 73% से अधिक मुस्लिम और अदर कास्ट के लोग हैं.'
 
  'मानवता और इंसानियत के रूप में पूरा बिहार मुझे जानता है. मैं लो प्रोफाइल का आदमी हूं. मैं हाई फाई नहीं हूं. जनता और जमीन के लोगों से मैं जुड़ा हुआ हूं. इसलिए पटना और दिल्ली में कम लोग पहचानते हैं गांव में लोग ज्यादा पहचानते हैं.' 


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मेरा मूल्यांकन कर मुझे चुना गया

पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने से अचंभित जायसवाल कहते हैं कि केंद्रीय नेतृत्व मेरे काम को लंबे समय से देख रही थी. चाहें वो त्रिपुरा विधानसभा हो या फिर  छत्तीसगढ़ विधानसभा..या बात करें अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों की, मुझे केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर लंबे समय से काम करने का मौका मिला है. शायद मेरे इस काम को देखते हुए ही केंद्रीय नेतृत्व ने मुझे यह मौका दिया है. 'मैं यह कहना चाहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी बहुत सारी चीजों का मूल्यांकन करके ही आजकल कोई फैसला लेती है.' मुझे लगता है मेरे  इतने लंबे समय तक के काम और क्षमता को देखते हुए यह मौका प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह जिम्मेदारी सौंपी है.  
मैं नेतृत्व को भी यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि बिहार में जिस तरह से क्षेत्र के लोगों को आपस में बांट कर जो राजनीति कर रहे हैं उन सबलोगों के मुंह पर करारा तमांचा होगा दिलीप जायसवाल का अध्यक्ष बनना. 

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