डीएनए हिंदी: देश ने अपना 77वां स्वाधीनता दिवस मना लिया है. यह दिन झंडारोहण करके आजादी का जश्न मनाने के साथ ही हमारे मौजूदा मुकाम के पीछे पूर्वजों की बड़ी कुर्बानियों को याद करने का भी है. ये किसी एक पंथ, एक जाति का जश्न नहीं है, बल्कि ये भारतीय होने की पहली जिम्मेदारी है. स्वाधीनता दिवस हमें याद दिलाता है कि, हम कौन हैं, कहां से आए हैं, हमें क्या करना है और इस दुनिया में हमारी पहचान क्या है. आपको याद होगा कि यूक्रेन युद्ध के दौरान अलग-अलग शहरों में फंसे भारतीय छात्रों की पहचान और तिरंगा ही, उनकी सुरक्षा की पहली गारंटी था. ये है वो शक्ति, जो हमें हमारे भारत की, हमारे तिरंगे की और हमारी असली पहचान बताती है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10वीं बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराकर, विश्व को एक बार फिर हमारे आजाद मुल्क होने की जानकारी दी. दुनिया के कई देशों में कब्जे की जंग को देखते हुए यह बहुत बड़ी बात है. कई देशों में युद्ध के कारण नागरिक भाग रहे हैं. भुखमरी और अराजकता के हालात हैं. ऐसे दौर में भारत आजाद मुल्क और विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, तो इस बात की पहचान, लालकिले की प्राचीर से शान से लहराता तिरंगा ही है. इस मौके पर देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जहां लाल किले से भाषण का नया रिकॉर्ड बनाया, वहीं उन्होंने दो संदेश भी दिए. एक संदेश दुनिया के लिए भारत की शक्ति की झलक का था, तो दूसरा संदेश अगले साल आम चुनाव में शामिल होने मतदाताओं के लिए था.
'मेरे प्रिय परिवारजनों' के साथ पीएम ने देश को बना लिया परिवार
ये पहली बार है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण का शुरुआती संबोधन बदल दिया. पीएम मोदी आज तक संबोधन की शुरुआत 'मित्रों', 'साथियों' या 'देशवासियों' कहकर करते रहे हैं, लेकिन पहली बार उन्होंने 'मेरे प्रिय परिवारजनों' के साथ शुरुआत की है, जिसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. हालांकि सियासी मायने जो भी निकाले जाएं, लेकिन शाब्दिक अर्थ यही है कि प्रधानमंत्री ने देश के लोगों को इस एक शब्द से अपने 'परिवार के लोग' बना दिया है. यही वो बात भी है, जिसके चलते इस बार लाल किले की प्राचीर से उनके संबोधन में अगले साल होने वाले चुनाव की खुशबू पॉलीटिक्ल एक्सपर्ट्स सूंघने लगे हैं.
तीन मोर्चों पर लड़ाई यानी चुनाव के तीन मुद्दे
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में इस बार तीन मोर्चों पर लड़ाई करने की बात कही है, इनमें भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण शामिल हैं. ये तीन मुद्दे सीधेतौर पर उनके भाषण को अगले साल के चुनाव से जोड़ रहे हैं.
चुनावी साल में गिनाईं सरकार की उपलब्धियां
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में नए भारत का जिक्र किया. चुनावी साल में लाल किले की प्राचीर से उन्होंने देश को अपनी सरकार की उपलब्धि के बारे में बताया. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में भारत के अंदर नया आकर्षण पैदा हुआ है. विश्व को भारत की त्रिवेणी पर विश्वास है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्रिवेणी का मतलब है Demography, Democracy और Diversity. पीएम मोदी के मुताबिक, भारत में वो सबकुछ है, जो विश्व की जरूरतों को पूरा कर सकता है. इस त्रिवेणी की मदद से भारत सबकुछ हासिल करने की क्षमता रखता है.
गिनाई अपने कार्यकाल की योजनाएं
चुनावी साल को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वाधीनता दिवस पर जनता को उनके लाभ की योजनाएं भी याद दिलाईं. उन्होंने लाल किले की प्राचीर से 90 मिनट के अपने 10वें संबोधन में 10 साल की सरकार का हिसाब जनता को दिया. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान शुरू हुई कई जन कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया. उनसे जनता को हुए फायदे गिनाए. पीएम ने अपने कई Initiatives के बारे में लोगों को बताया है यानी उन्होंने अपनी सरकार के वापस लौटने पर क्या करना है, इसका Future plan जनता के साथ साझा किया है.
लाल किले से किए ऐलान
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