दुश्मनों के लिए काल है स्वदेशी Stand-Off Anti-Tank Missile, जानें क्यों है इतनी खास?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 12, 2021, 09:42 AM IST

Indigenous Stand-Off Anti-Tank Missile

एंटी टैंक मिसाइल का फ्लाइट टेस्ट बेहद सटीक रहा. यह अपने निशाने को कुछ सेकेंड्स में ध्वस्त कर सकती है.

डीएनए हिंदी: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने स्वदेशी (Indigenously) डिजाइन और विकसित हेलिकॉप्टर से लॉन्च की गई स्टैंड-ऑफ एंटी टैंक (SANT) मिसाइल (Missile) का पोखरण (Pokhran) में सफलतापूर्वक परीक्षण किया. यह परीक्षण 11 दिसंबर को हुआ है. 

मिशन का फ्लाइट टेस्ट बेहद सफल रहा. यह मिसाइल सटीकता से अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम है. स्टैंड ऑफ एंटी टैंक का रिलीज मैकेनिज्म (Release Mechanism) बेहद शानदार है. मिसाइल को एडवांस गाइडेंस और ट्रैकिंग एल्गोरिदम (Algorithms) के बेस पर तैयार किया गया है. मिशन के दौरान इंटीग्रेटेड सॉफ्टवेयर की वजह से मिसाइल के सभी एविओनिक्स की मॉनिटरिंग भी हुई. मिसाइल की टेस्टिंग सफल रही.

10 किलोमीटर की दूरी में किसी भी टार्गेट को तबाह कर सकता है SANT

यह मिसाइल एक अत्याधुनिक MMM सीकर (MMM Seeker) से लैस है जो सुरक्षित दूरी से तेज स्ट्राइक की क्षमता को बढ़ाता है. यह हथियार 10 किलोमीटर तक की सीमा में किसी भी लक्ष्य को तबाह कर सकता है. यह देश के रक्षा तंत्र को और मजबूत करने वाला है. दुश्मनों के टैंक्स को एक सुरक्षित दूरी से ही ये तबाह कर सकता है.

बढ़ रही देश की स्वदेशी रक्षा क्षमताएं

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्टैंड-ऑफ एंटी टैंक (SANT) मिसाइल की टीम में शामिल लोगों को बधाई दी है. रक्षा और अनुसंधान विकास विभाग के सचिव और DRDO के चेयरमैन डॉक्टर जीएस रेड्डी ने मिशन के बारे में कहा है कि सैंट मिसाइल के सफल फ्लाइट टेस्ट से स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को और बढ़ावा मिलेगा.

किसके सहयोग से तैयार हुआ SANT?
SANT मिसाइल को डिजाइन और विकसित करने में हैदराबाद की अनुसंधान केंद्र इमारत (RCI) और अन्य DRDO प्रयोगशालाओं का हाथ है. इसमें कुछ उद्योगों की भी भागीदारी है. IAF के शस्त्रागार (Arsenal) को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी के बम और स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार के बाद हाल के दिनों में परीक्षण किए जाने वाले स्वदेशी स्टैंड-ऑफ हथियारों की श्रृंखला में यह तीसरा है. भारतीय वायु सेना इस मिसाइल के परीक्षण के बाद और मजबूत होगी.
 

स्टैंड ऑफ एंटी टैंक मिसाइल डीआरडीओ भारतीय वायु सेना