DRDO साइंटिस्ट हुआ Pak के हनीट्रैप का शिकार, 'बेबी' के लिए लीक किया मिसाइल प्रोग्राम, ATS की चार्जशीट में खुलासा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 08, 2023, 10:22 PM IST

पाकिस्तानी हनीट्रैप में फंसा भारतीय वैज्ञानिक. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पाकिस्तानी एजेंट ने DRDO वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को फंसाने के लिए कई अलग-अलग फेक अकाउंट्स बनाए थे. वैज्ञानिक ने हनीट्रैप में फंसकर कुछ अहम जानकारियां शेयर कर दी हैं.

डीएनए हिंदी: DRDO के साइंटिस्ट प्रदीप कुरुलकर को फंसाने के लिए पाकिस्तानी एजेंट ने'ज़ारा दासगुप्ता' का एक फेक अकाउंट सोशल मीडिया पर बनाया था. पाकिस्तानी एजेंट ने हनीट्रैप में फंसाकर मिसाइल प्रणाली से जुड़ी अहम जानकारियों को हासिल कर लिया. प्रदीप  पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के प्यार में पड़ गए थे और उन्होंने गोपनीय जानकारियां शेयर कर दी थीं.

चार्जशीट के मुतबिक प्रदीप कुरुलकर ने रक्षा परियोजनाओं के अलावा भारतीय मिसाइल प्रणालियों के बारे में उससे बातचीत की थी. महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने पिछले सप्ताह यहां एक कोर्ट में कुरुलकर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. वह पुणे में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला के निदेशक थे.

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कब वैज्ञानिक की हुई थी गिरफ्तारी?

प्रदीप कुरुलकर को तीन मई को शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और अब वह न्यायिक हिरासत में हैं. चार्जशीट के मुताबिक प्रदीप कुरुलकर और ज़ारा दासगुप्ता WhatsApp  के जरिए संपर्क में रहने के साथ-साथ वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए भी बातचीत किया करते थे.

एटीएस ने चार्जशीट में कहा, 'ज़ारा दासगुप्ता' ने दावा किया था कि वह ब्रिटेन में रहती है और सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और उसने कुरुलकर को अश्लील संदेश और वीडियो भेजकर उससे दोस्ती की. जांच के दौरान उसका आईपी एड्रेस पाकिस्तान का पाया गया.'

हनीट्रैप में फंसकर क्या-क्या किया शेयर?

चार्जशीट के मुताबिक पाकिस्तानी एजेंट ने ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री ब्रिजिंग सिस्टम समेत अन्य के बारे में खुफिया और संवेदनशील जानकारी हासिल करने की कोशिश की. कुरुलकर उसे चाहने लगे थे. उन्होंने उसने डीआरडीओ की खुफिया और संवेदनशील जानकारी को अपने निजी फोन में लिया और फिर जारा दासगुप्ता को भेज दिया.

दिसंबर 2022 तक होती रही बातचीत

ATS के मुताबिक दोनों जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे. कुरुलकर की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद डीआरडीओ की ओर से आंतरिक जांच शुरू करने से ठीक पहले, उसने फरवरी 2023 में ज़ारा का नंबर ब्लॉक कर दिया था.

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गोपनीय जानकारियों को करते थे शेयर

प्रदीप को एक अनजान भारतीय नंबर से मैसेज आया कि आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक कर दिया. आरोप पत्र के मुताबिक, बातचीत के रिकॉर्ड से पता चला है कि प्रदीप कुरुलकर ने पाकिस्तानी एजेंट के साथ अपना निजी और आधिकारिक कार्यक्रम भी शेयर किया है. डीआरडीओ की शर्तों के मुताबिक यह करना अपराध है. (इनपुट: भाषा)

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