Driving Licence Fee Increased: तीन गुना महंगा हुआ यूपी में DL बनवाना, जानिए अब क्या हो गई है फीस

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Aug 15, 2024, 11:06 AM IST

Driving License Fee Increased: उत्तर प्रदेश में नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से पहले लोगों को वाहन चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसकी फीस लाइसेंस शुल्क में ही जोड़ दिया गया है.

Driving License Fee Increased: उत्तर प्रदेश में नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना महंगा हो गया है. अब नए डीएल के लिए लोगों को पहले के मुकाबले कम से कम 3 गुना ज्यादा रकम का भुगतान करना होगा. इसका कारण है सभी जिलों में नए लाइसेंस के लिए अप्लाई करने वाले लोगों को पहले ड्राइविंग की ट्रेनिंग देने की कवायद. सड़कों पर बढ़ रहे एक्सीडेंट्स को कम करने के लिए अब नया लाइसेंस अप्लाई करने पर आपको पहले ड्राइविंग स्कूल में जाकर ट्रेनिंग लेनी होगी. इसके लिए निजी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोले जा रहे हैं. नोएडा में यह सेंटर खुल चुका है, जबकि गाजियाबाद में अगले महीने से काम करना शुरू कर देगा. इन ट्रेनिंग सेंटर्स पर वाहन चलाना सीखने के बाद वहां से मिले सर्टिफिकेट के आधार पर ही नया ड्राइविंग लाइसेंस बनाया जाएगा. इन ट्रेनिंग सेंटर्स की फीस को भी सरकार ने नए ड्राइविंग लाइसेंस की फीस में ही जोड़ दिया है, जिससे नया डीएल बनवाने का खर्च 3 से 4 गुना बढ़ने जा रहा है. 

कितना बढ़ जाएगा चार्ज, ये गाजियाबाद के उदाहरण से समझिए

नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में आने वाला खर्च अब कितना बढ़ जाएगा, इसे गाजियाबाद के उदाहरण से समझा जा सकता है. NBT की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक गाजियाबाद में सामान्य हल्के वाहनों के नए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए 1350 रुपये फीस वसूली जा रही थी, लेकिन अब यह शुल्क 6,000 रुपये कर दिया गया है. इसी तरह कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में भी 10,000 रुपये का चार्ज लिया जाएगा. हालांकि यह शुल्क एक महीने बाद ट्रेनिंग सेंटर शुरू होने पर वसूलना शुरू किया जाएगा.

पड़ोसी राज्यों के मुकाबले अब भी कई गुना ज्यादा खर्च

आरटीओ सूत्रों के मुताबिक, यूपी में अब भी नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए पड़ोसी राज्यों के मुकाबले कई गुना ज्यादा खर्च आता है. दिल्ली में जहां 400 रुपये में ही ड्राइविंल लाइसेंस बन जाता है, वहीं पंजाब में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए 700 रुपये का खर्च वसूला जाता है. इसमें ड्राइविंग टेस्ट के 200 रुपये भी शामिल हैं.

प्राइवेट ट्रेनिंग सेंटर खुलने से बढ़ रहा यह बोझ

आरटीओ सूत्रों का कहना है कि सरकार ने लाइसेंस जारी करने से पहले अनिवार्य ट्रेनिंग देने का नियम बना दिया, लेकिन ट्रेनिंग सेंटर खोलने से बच रही है. यदि सरकार खुद ट्रेनिंग सेंटर खोले तो लोगों को कम फीस में ट्रेनिंग मिल जाएगी. इसके उलट मौजूदा व्यवस्था में निजी ट्रेनिंग सेंटरों की जेब भरने की तैयारी हो रही है.

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