डीएनए हिंदी: Bihar News- बिहार में साझे की सरकार चला रहे जदयू और राजद के बीच रिश्ते लगातार खराब होते जा रहे हैं. इसके संकेत गुरुवार को राज्य कैबिनेट बैठक के दौरान भी मिले. महज 15 मिनट चली इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पूरी तरह अनदेखी कर दिया. दोनों नेताओं ने ना आपस में कोई बात की और ना ही आंखें मिलाईं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक में दोनों ही दलों के मंत्री मौजूद थे, जो नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच इस आपसी रुखे व्यवहार के गवाह बने और इससे हैरान भी नजर आए. इस बीच यह भी खबरें उड़ रही हैं कि नीतीश कुमार इस गठबंधन को जल्द ही अलविदा कह सकते हैं और अपने पद से इस्तीफा देकर राज्यपाल से बिहार विधानसभा को भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं.
अभी तक बैठक में गपशप करते हुए साथ आते थे दोनों नेता
बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव का आमतौर पर अब तक सरकारी मंचों पर एकसाथ ही दिखाई देते रहे हैं. यहां तक कि बैठकों से लेकर कार्यक्रमों तक में दोनों नेता आपस में बात करते हुए एकसाथ ही पहुंचते दिखाई देते रहे हैं. ऐसे में कैबिनेट बैठक के दौरान दोनों के बीच की यह दूरी आसानी से सभी को दिखाई दे गई है, जो गठबंधन के अंदरूनी तनाव को सतह पर ले आई है. इसके पीछे कई मुद्दों पर दोनों दलों के बीच विपरीत सोच को कारण माना जा रहा है. Zee News की रिपोर्ट के मुताबिक, कैबिनेट बैठक के दौरान अधिकारियों ने तीन प्रस्ताव मंजूरी के लिए पेश किए. नीतीश कुमार ने रजिस्टर में साइन किए और प्रस्तावों पर कोई चर्चा किए बिना ही मीटिंग हॉल से बाहर निकल आए.
अपसेट दिखाई दे रहे हैं नीतीश कुमार
Zee News की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि बैठक के बाद बाहर निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह अपसेट दिखाई दे रहे थे. ऐसे में इस गठबंधन के भविष्य को लेकर कोई भी घोषणा कभी भी सामने आ सकती है. नीतीश ने पिछले दिनों कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से भी दूरी बना ली थी, जो 29 जनवरी को बिहार के किशनगंज जिले में पहुंच रही है. न्याय यात्रा उत्तर पूर्वी राज्यों के बाद बिहार के सीमांचल इलाके से होते हुए गुजरेगी. इस दौरान बिहार में कांग्रेस ने 30 जनवरी को पूर्णिया और 31 जनवरी को कटिहार में यात्रा से जुड़ी दो रैलियां रखी हैं. सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार ने इन रैलियों में शामिल होने के लिए कांग्रेस की तरफ से भेजा गया आमंत्रण स्वीकार नहीं किया है.
विधानसभा भंग करने के लिए कानूनी सलाह ले चुके हैं नीतीश?
Zee News की रिपोर्ट के मुताबिक, RJD के साथ लगातार बढ़ रही टेंशन के बाद नीतीश कुमार ने अन्य विकल्पों पर विचार शुरू कर दिया है. इसमें एक विकल्प बिहार विधानसभा को भंग करके नए सिरे से चुनाव कराने का भी है. सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि नीतीश कुमार ने इसके लिए कानूनी सलाह भी ली है.
क्या भाजपा के साथ दोबारा जाने वाले हैं नीतीश?
कांग्रेस और राजद के साथ बढ़ती तनातनी की खबरों के बीच जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार के एक बार फिर पलटी मारने की भी चर्चा है. खबरें हैं कि नीतीश दोबारा भगवा खेमे में लौट सकते हैं. नीतीश कुमार के बुधवार को खुलेआम मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के लिए की गई तारीफ से भी यह इशारा मिला है. हालांकि अब तक भाजपा ने भी ऐसी चर्चा पर कोई रिएक्शन नहीं दिया है.
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