डीएनए हिंदी: Earthquake News- भारत के लिए सामरिक अहमियत रखने वाले अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में शनिवार सुबह भूकंप के तेज झटके लगे हैं. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Centre for Seismology) के मुताबिक, भूकंप के झटके रिक्टर स्केल पर 5.8 मैग्नीट्यूड के दर्ज किए गए हैं. शुक्रवार-शनिवार की मध्य रात्रि करीब 12.53 बजे आए भूकंप का केंद्र करीब 69 किलोमीटर गहराई पर था, इस कारण भूकंप ने सतह पर बहुत ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया है. हालांकि एक मीडिया रिपोर्ट में जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (German Research Centre for Geosciences-GFZ) के हवाले से भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर गहराई पर होने का दावा किया गया है.
लगातार हिल रही है अंडमान-निकोबार की धरती
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के लिए चिंता की बात ये है कि यहां सात महीने के अंदर यह तीसरा बड़ा झटका लगा है. ANI ने NCS (National Centre for Seismology) के हवाले से बताया कि 9 जुलाई को भी अंडमान-निकोबार की कैंपबैल खाड़ी में 5.3 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था, जिसका केंद्र 70 किलोमीटर गहराई पर था. यदि NCS की वेबसाइट के डाटा को आधार माना जाए तो द्वीप समूह की धरती लगातार हिल रही है. इस डाटा के मुताबिक, अंडमान-निकोबार में 13 जुलाई को 4.3 मैग्नीट्यूड, 1 जुलाई को कैंपबैल खाड़ी में ही 5.8 मैग्नीट्यूड, 26 जून को पहले अंडमान द्वीप में शाम 6.23 बजे 4.4 मैग्नीट्यूड का,आधा घंटे बाद निकोबार द्वीप में 4.4 मैग्नीट्यूड का और फिर रात 11.36 पर दोबारा अंडमान द्वीप में 4.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था.
पिछले साल 24 घंटे में आए थे 22 भूकंप
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में पिछले साल 6 जुलाई को सभी लोग कांप उठे थे. उस दिन इस द्वीप समूह में 24 घंटे के अंदर 22 बार धरती कांपी थी. सभी भूकंप 3.8 मैग्नीट्यूड से 5.0 मैग्नीट्यूड तक के थे. इतने कम समय में एकसाथ इतने भूकंप आने को वैज्ञानिकों ने चिंता की बात माना था और चेतावनी दी थी कि निकट भविष्य में यह बड़े पैमाने पर तबाही का कारण बन सकता है. वैज्ञानिकों ने कहा था कि इतने भूकंप द्वीप समूह और समुद्र की सतह के नीचे बड़ी हलचल का संकेत है, जिससे बहुत बड़ा भूकंप भी आ सकता है, जो तबाही मचा सकता है. भूकंप से समुद्र में भी सुनामी आ सकती है, जो कई देशों में तबाही का कारण बन सकती है.
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