Maharashtra News: महाराष्ट्र में चुनावी सरगर्मी शुरू हो चुकी है. भारतीय निर्वाचन आयोग नवंबर तक राज्य में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा कर चुका है. ऐसे में हर पार्टी वोटर्स को अपने पाले में एकजुट करने में जुट गई है. अन्य राज्यों की तरह महाराष्ट्र में भी अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) जातियां जीत-हार का समीकरण तय करती हैं. इसके चलते मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने गुरुवार को एक ऐसा कदम उठाया है, जिसे ओबीसी वोटर्स को लुभाने वाला माना जा रहा है. भाजपा, शिवसेना और एनसीपी की मौजूदगी वाली शिंदे कैबिनेट ने ओबीसी जातियों की नॉन-क्रीमी लेयर लिमिट को बढ़ाने का फैसला लिया है. इसके लिए कैबिनेट ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जो केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. इस प्रस्ताव में नॉन-क्रीमी लेयर लिमिट को मौजूदा 8 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने का आग्रह किया गया है. माना जा रहा है कि पीएम मोदी की सरकार चुनाव से पहले इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा सकती है.
क्या है नॉन-क्रीमी लेयर लिमिट बदलने का मतलब
नॉन-क्रीमी लेयर लिमिट उस कमाई को कहा जाता है, जो किसी एक परिवार की सालाना आय होती है. यदि पारिवारिक आय तय लिमिट के दायरे में है तो उस परिवार को नॉन-क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट दिया जाता है, जिससे उसे ओबीसी कैटेगरी में मिलने वाले आरक्षण का लाभ मिलता है. शिंदे सरकार के प्रस्ताव को यदि केंद्र सरकार मंजूरी देती है तो इससे ओबीसी जातियों का एक बड़ा हिस्सा इस आरक्षण के दायरे में आ जाएगा. निश्चित तौर पर यह लाभ पाने वाले परिवारों का झुकाव चुनाव के समय शिंदे सरकार से जुड़ी पार्टियों के पक्ष में होगा. इस कारण इसे बड़ा चुनावी कार्ड माना जा रहा है.
राज्य अनुसूचित जाति आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की भी मंजूरी
PTI ने एकनाथ शिंदे के ऑफिस की तरफ से जारी बयान के आधार पर बताया कि कैबिनेट बैठक में कई अन्य फैसले भी हुए हैं. इनमें महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के अध्यादेश को ड्राफ्ट को मंजूरी देना भी शामिल है. यह अध्यादेश महाराष्ट्र विधानसभा के अगले सत्र में पेश किया जाएगा. साथ ही इस आयोग के लिए 27 पदों को भी मंजूरी दी गई है.
हरियाणा जैसा ही मजबूत है महाराष्ट्र में भी ओबीसी वर्ग
महाराष्ट्र में भी ओबीसी कैटेगरी का वोटबैंक हरियाणा जैसा ही मजबूत है. हरियाणा में भी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चुनाव से कुछ महीने पहले क्रीमी लेयर लिमिट को 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख करने की घोषणा की थी. इस घोषणा का लाभ हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिला है, जिसमें हारी हुई मानी जा रही भाजपा बहुमत के साथ सरकार बनाने में सफल रही है. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में भी इसी सोच के साथ यह कदम उठाया जा रहा है.
(With PTI inputs)
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