Electoral Bonds Case: लोकसभा चुनावों से पहले यह जानकारी सामने आ गई है कि देश में किस पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) के जरिये कितना चंदा मिला है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए यह जानकारी भारतीय निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर गुरुवार को अपलोड कर दी गई है. चुनाव आयोग ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से उपलब्ध कराए गए डाटा को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है.
डेडलाइन से एक दिन पहले ही अपलोड किया गया डाटा
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को SBI से मिले इलेक्टोरल बॉन्ड्स के डाटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया था. आयोग ने डेडलाइन खत्म होने से एक दिन पहले ही पूरा डाटा वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (12 मार्च) की शाम 5 बजे तक की डेडलाइन SBI की तरफ से आयोग को डाटा देने के लिए तय की थी. स्टेट बैंक ने उसी दिन सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसकी तरफ से यह डाटा चुनाव आयोग को सौंप दिया गया है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि 15 मार्च की शाम 5 बजे से पहले स्टेट बैंक से मिली जानकारी उसकी वेबसाइट पर पब्लिश हो जानी चाहिए.
1 लाख से 1 करोड़ रुपये तक मूल्य वाले बॉन्ड का है डाटा
भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से जो डाटा आयोग को दिया गया है, उसमें 12 अप्रैल, 2019 तक के 1 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये मूल्य तक के बॉन्ड्स की खरीद की जानकारी दी गई है. इसमें कंपनियों के साथ-साथ ही निजी व्यक्तियों द्वारा की गई खरीद का भी खुलासा किया गया है. इलेक्टोरल बॉन्ड योजना साल 2018 में शुरू की गई थी. सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी में बैंक ने बताया कि कुल 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड कंपनियों और निजी व्यक्तियों को जारी किए गए थे. 1 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2024 तक बेचे गए 22,217 बॉन्ड में से 22,030 बॉन्ड अब तक भुनाए जा चुके हैं.
आयोग की वेबसाइट पर डाली गई हैं दो लिस्ट
चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर दो लिस्ट अपलोड की हैं. एक लिस्ट में कंपनियों द्वारा खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड का ब्योरा है. इसमें बताया गया है कि किस कंपनी ने किस तारीख को कितने मूल्य का बॉन्ड खरीदा है. दूसरी लिस्ट में यह ब्योरा दिया गया है कि किस राजनीतिक दल ने किस तारीख को कितनी कीमत का बॉन्ड कैश कराया है. हालांकि लिस्ट में यह पता नहीं चल रहा है कि किस कंपनी ने किस राजनीतिक दल को चंदा दिया है.
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