Electoral Bond Case: Rahul Gandhi बोले 'BJP के कमीशन का जरिया है Electoral Bond', जानें Supreme Court के फैसले पर किसने क्या कहा

कुलदीप पंवार | Updated:Feb 15, 2024, 01:42 PM IST

Rahul Gandhi

Supreme Court Verdict on Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए लागू चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताया है और इस पर रोक लगा दी है.

Rahul Gandhi on Electoral Bond Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections 2024) से पहले केंद्र की पीएम नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार को तगड़ा झटका दे दिया है. टॉप कोर्ट ने मोदी सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना (Electoral Bond Scheme) को असंवैधानिक बताते हुए इस पर तत्काल रोक लगा दी है. यह योजना साल 2018 में राजनीतिक दलों को चंदे के जरिये मिलने वाली फंडिंग को पारदर्शी बनाए जाने और इसमें काले धन का इस्तेमाल रोकने के लिए लागू की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विपक्षी दलों ने बेहद स्वागत किया है. कांग्रेस ने इससे वोट की ताकत मजबूत होने की बात कही है तो कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने चुनावी बॉन्ड को भाजपा का रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बताकर निशाना साधा है.

'सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हमारी बात पर मुहर'

राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामने आने के बाद एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, यह नरेंद्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत है, जो आपके सामने है. राहुल ने आगे लिखा, भाजपा ने इलेक्टोरल बॉन्ड को अपने लिए उद्योगपतियों से रिश्वत और कमीशन लेने का जरिया बना लिया था. हमारे इस दावे पर आज सुप्रीम कोर्ट की मुहर लग गई है.

VVPAT के मुद्दे पर भी ध्यान दे अब टॉप कोर्ट

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नोट के मुकाबले वोट मजबूत होने की बात कही है. रमेश ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा कि मोदी सरकार चंदादाताओं को विशेषाधिकार देने के लिए अन्नदाताओं पर अत्याचार कर रही है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अब EVM में लगने वाली VVPAT के मुद्दे पर ध्यान देने की मांग की, जिसे लेकर विपक्षी दल लगातार चुनाव आयोग से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन उनकी बात ठुकराई गई है.

'यह फैसला लोकतंत्र के लिए आशा की किरण'

पूर्व कांग्रेस नेता व राज्य सभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी फैसले का स्वागत किया है. सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट सिब्बल ने कहा कि यह फैसला राजनीतिक दलों के लिए ही नहीं बल्कि खुद लोकतंत्र के लिए भी उम्मीद की किरण है. यह देश के नागरिकों के लिए बड़ी उम्मीद की किरण जैसा है. यह पूरी योजना मेरे दिवंगत साथी अरुण जेटली के दिमाग की उपज थी, जिसे भाजपा को अमीर बनाने के लिए तैयार किया गया था. सब जानते हैं कि भाजपा सत्ता में है और इसी कारण इलेक्टोरल बॉन्ड योजना के जरिये आने वाला चंदा भाजपा को ही जा रहा है. सिब्बल ने कहा, इस योजना का चुनाव से कोई लेनादेना नहीं है बल्कि मजे की बात ये है कि यह योजना केवल कॉरपोरेट सेक्टर और भाजपा के बीच का रिश्ता है, जिसके चलते सबसे ज्यादा चंदा इसी पार्टी को मिला है.

'चुनावी बॉन्ड आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मैंने पहले ही चुनावी बॉन्ड को कई बार आजाद भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक बताया है. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने यह सही साबित कर दिया है. यह देर से आया, लेकिन देश के लोकतंत्र को बचाने वाला फैसला है.

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