डीएनए हिंदीः ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group captain Varun Singh ) का राजकीय और सैनिक सम्मान के साथ भोपाल के बैरागढ़ मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार कर दिया गया. पारंपरिक रीति-रिवाज के बाद इंडियन नेवी में उनके छोटे भाई लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह और बेटे ने मुखाग्नि दी. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर विश्वास सारंग भी वहां मौजूद रहे.
8 दिसंबर को तमिमनाडु के कुन्नूर में भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर क्रैश (CDS Helicopter Crash) हादसे में एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group captain Varun Singh) का बुधवार 15 दिसंबर को निधन हो गया था. उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को बेंगलुरु से भोपाल लाया गया था.
उनके अंतिम दर्शन और विदाई के लिए लोग सड़क के दोनों ओर जमा थे. बैरागढ़ से मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया और लोगों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी. इससे पहले श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया गया था.
बंगलुरु में चल रहा था इलाज
वरुण सिंह का बेंगलुरु के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान उन्होंने बुधवार को दम तोड़ दिया. इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत (CDS Vipin Rawat) और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों को मौत हो गई थी. हादसे के एक दिन बाद वरुण को इलाज के लिए एम्बुलेंस से सुलूर और फिर बेंगलुरु के कमांड अस्पताल ले जाया गया. पूरे समय उनकी हालत बेहद नाजुक बनी रही.
शौर्य चक्र से किया जा चुका है सम्मानित
वरुण मूल रूप से यूपी के देवरिया जिले के खोरमा कन्हौली गांव के रहने वाले थे. फिलहाल, वरुण सिंह के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह भोपाल के एयरपोर्ट रोड स्थित सन सिटी कॉलोनी में रहते हैं. वरुण को उनकी वीरता के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था. वरुण ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान के बैचमेट रहे थे. 42 वर्षीय वरुण सिंह के पिता कृष्ण प्रताप सिंह सेना में कर्नल पद से रिटायर्ड हुए थे. वरुण सिंह के एक बेटा रिद रमन और बेटी आराध्या हैं.