डीएनए हिंदी: प्रवीण कुमार (Praveen Kumar) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उन्हें सभी महाभारत के भीम (Bheem) के नाम से भी जानते हैं. लंबे-चौड़े कद और काठी वाले इस शख्स ने कभी सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ (Border Security Force) से जुड़कर देश की सेवा की तो कभी खेल के जरिए पदक जीतकर राष्ट्र का नाम रोशन किया.
उन्होंने अपना बहुमूल्य समय देश की राजनीति में भी लगाया. प्रवीण कुमार अपनी जिंदगी में हर पल देश की सेवा करना चाहते हैं. उम्र की इस दहलीज पर सोशल मीडिया पर उनके बारे में यह अफवाहें उड़ाई गईं कि उनकी माली हालत अच्छी नहीं है.
उनका परिवार उनके साथ नहीं रहता है. वे अकेले रहते हैं. जाहिर सी बात है कि प्रवीण कुमार इन अफवाहों से आहत भी हुए ही होंगे. इन बातों में क्या सच्चाई है, इसका ज़ी न्यूज़ ने भी पता लगाने की कोशिश की. पड़ताल में यह बात सामने आया कि उनके बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा है और उनके बारे कही जा रही बातें बिल्कुल गलत है.
उन्हें चलने फिरने में हो रही है थोड़ी मुश्किलें
यह सच है कि प्रवीण कुमार को इन दिनों चलने फिरने में थोड़ी तकलीफ जरूर होने लगी है. कुछ दिनों से उन्हें व्हील चेयर का भी सहारा लेना पड़ रहा है लेकिन उनके हौसले आज भी महाभारत के 'भीम' की तरह बुलंद हैं. उन्होंने अपनी दमदार आवाज में कहा कि वो जल्द ही आराम से चल फिर लेंगे.
'मुझे पैसों की नहीं है कोई दिक्कत'
प्रवीण कुमार ने ज़ी न्यूज़ को बताया कि उन्हें डॉक्टरों की लापरवाही के चलते पैरों में तकलीफ शुरू हो गई है. उन्होंने बताया कि स्पाइनल का ऑपरेशन करवाने के बाद से उनके पैरों में दिक्कतें शुरू हो गई हैं.
सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे बारे में सोशल मीडिया पर गलत खबरें चल रही हैं. मुझे आर्थिक समस्या नहीं है. मैं मरने के बाद परिवार के लिए संपत्ति छोड़ जाऊंगा. इतना ही नहीं, उन्होंने बताया कि परिवार के लोग उनके साथ रहते हैं. वो अपनी पत्नी और एक नौकर के साथ रहते हैं. बेटी और नातिन आते जाते हैं और फिलहाल वे मेरे साथ रह रहे हैं.
खेल में प्रवीण कुमार ने देश को दिलाए कई मेडल
बी. आर. चोपड़ा के निर्देशन में बनी महाभारत धारावाहिक (B.R.Chopra's Mahabharata) से प्रवीण कुमार को खास पहचान मिली. उन्हें लोगों ने बतौर अभिनेता काफी इज्जत और प्यार दिया. फ़िल्मी दुनिया को लेकर प्रवीण कुमार ने कहा कि वह खोखली दुनिया है. वहां सिर्फ बाहर से ही चमक दमक है. प्रवीण कुमार ने कहा कि वो पंजाब से आते हैं.
वे अपने पिंड को बहुत याद करते हैं और कहते हैं कि दिल्ली में मेरा ज्यादा मन नहीं लगता है. पंजाब के लिए खेलते हुए उन्होंने देश के लिए कई मेडल कॉमन वेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में जीते. उन्होंने अर्जुन अवार्ड भी दिया गया. हालांकि जो पेंशन दूसरे स्पोर्ट्स के खिलाड़ियों को दी जाती है वो उन्हें नहीं मिली है और ना ही इस बारे में उनकी किसी ने सुध ली.