डीएनए हिंदीः सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित आयोग ने साल 2019 के हैदराबाद एनकाउंटर को फर्जी माना है. यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर तेलंगाना सरकार और हाईकोर्ट के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने को भी कहा है. ये मामला इकलौता नहीं है, देश में हर साल औसतन 165 के करीब पुलिस एनकाउंटर ( Police Encounter) में मौतों के मामले सामने आते हैं. आइए जानते हैं पिछले 6 सालों में एनकाउंटर की वजह से कुल कितनी मौतें हुई हैं.
6 सालों में पुलिस एनकाउंटर में मौत के 995 मामले
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के आकड़ें बताते हैं कि साल 2014 से साल 2019 के बीच देश में करीब एक हजार मामलों में पुलिस एनकाउंटर में मौतें हुई है. हैरानी वाली बात ये है कि इस आकंड़े में कमी देखने में नहीं मिल रही है. साल 2013-14 में जहां 137 मौतें सवालों के दायरे में थी वहीं साल 2018-19 में ये आकंड़ा 158 मौतों का था.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों के अनुसार, साल 2013-14 में एनकाउंटर से 137, 2014-15 में 188, 2015-16 में 179, 2016-17 में 169, 2017-18 में 164 और 2018-19 में 158 मौत हुई. यानी पिछले 6 साल में पुलिस एनकाउंटर में कुल 995 लोगों की मौत हुई.
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इन पांच राज्यों में होती है एनकाउंटर में 75 % मौतें, छत्तीसगढ़ में एक तिहाई मौतें
एनकाउंटर में मौतों के मामले में कुछ राज्यों में संयोग से कुछ ज्यादा घटित होता दिखाई देते हैं. एनकाउंटर में देश की चार में से तीन मौतें, छत्तीसगढ, उत्तर प्रदेश, झारखंड, उड़ीसा और महाराष्ट्र राज्य में होती है. वहीं साल NHRC के साल 2019 के आकड़ों के अनुसार सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही एनकाउंटर में देश की एक तिहाई मौतें हुई थी.
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